बिना विषैले रसायनों का प्रयोग किए गमले में लौकी कैसे उगाएं?

बिना विषैले रसायनों का प्रयोग किए गमले में लौकी कैसे उगाएं

डॉ. शुचि चौहान

बिना विषैले रसायनों का प्रयोग किए गमले में लौकी कैसे उगाएं

आजकल हर कोई विषैले रसायनों से मुक्त फल व सब्जियां खाना चाहता है। लेकिन विभिन्न कारणों से यह सम्भव नहीं हो पाता। अधिकांश लोगों को लगता है खेती बाड़ी तो खेतों में ही सम्भव है। छोटे घरों या फ्लैट में सब्जियां नहीं उगाई जा सकतीं। परंतु ऐसा नहीं है। आप अपने फ्लैट की बालकनी या घर की छत पर भी परिवार के उपयोग जितनी सब्जियां गमलों में उगा सकते हैं। आज हम जानेंगे बिना विषैले रसायनों का प्रयोग किए गमले में लौकी कैसे उगाएं।

गमले का साइज

गमले में लौकी उगाने के लिए गमले की लम्बाई व चौड़ाई एक फिट तथा गहराई कम से कम दो फुट होनी चाहिए। लौकी की बेल काफी बड़ी होती है, इसकी जड़ें भी खूब फैलती हैं।

मिट्टी कैसे तैयार करें

गमले को यदि आप जमीन पर रख रहे हैं तो वजन की चिंता नहीं। इसलिए 60% मिट्टी, 20% वर्मी कम्पोस्ट या सड़ी हुई गोबर की खाद व 20% रेत को अच्छी तरह से मिला लें। इसमें एक मुट्ठी बोन मील व एक मुट्ठी ही सरसों की खल डालें। अच्छी तरह मिलाने के बाद गमले में भर दें और पानी डाल दें।

यदि गमले को छत पर रखना है तो हल्की पॉटिंग मिक्स तैयार करें। इसके लिए 40% कोकोपीट, 40% वर्मी कम्पोस्ट और 20% मिट्टी लें। इसमें एक मुट्ठी सरसों की खल डालकर अच्छी तरह से मिला लें। गमले में पानी डाल कर रख दें।

अगले दिन इस गमले में एक स्वस्थ बीज लगाएं और पानी डाल दें। तीन चार दिनों में ही बीज अंकुरित हो जाएगा। नियमित पानी दें।

चार गुना उपज के लिए करें 3 जी कटिंग

लौकी की बेल उभयलिंगी होती है। इसके मुख्य तने पर नर फूल ही आते हैं और उससे निकलने वाली शाखाओं पर मादा। बेल जब पॉंच फुट की हो जाए तो उसे ऊपर से काट दें। ऐसा करने से वहॉं से दो नई शाखाएं निकलेंगी, इसे 2 जी कटिंग कहते हैं। जब इन पर पॉंच पांच पत्ते आ जाएं तो फिर काट दें इसे 3 जी यानि थर्ड जेनरेशन कटिंग कहते हैं। ऐसा करने पर हर पत्ती के नीचे से मादा फूल ही आएंगे। मादा व नर फूलों में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है। मादा फूलों के नीचे छोटी सी लौकी नजर आएगी जबकि नर फूलों में यह नहीं होगी। सारी शाखाओं को बांस के मजबूत ढांचे पर फैलाएं। 35-40 दिनों में यह अच्छी तरह फैल जाएगी और लगभग 50 दिनों में लौकियां लगनी शुरू हो जाएंगी।

ढेर सारी लौकियां लेने के लिए हर दो सप्ताह में एक मुट्ठी गोबर की खाद व एक मुट्ठी बोन मील डालते रहें। सही न्यूट्रीशन, मिट्टी व पानी से बेल स्वस्थ रहती है। रोगों का प्रकोप नहीं होता और लौकियां भी अच्छी संख्या में लगती हैं। इस तरह तीन माह तक लौकी का आनंद लिया जा सकता है।

लौकी के पौधे को साल में दो बार जून-जुलाई व फरवरी- अप्रैल के बीच लगा सकते हैं। लौकी मिनरल व विटामिनों से भरपूर है। इसकी सब्जी तो स्वादिष्ट बनती ही है, जूस भी बहुत गुणकारी है। वजन को कम करता है तथा डायबिटीज को कंट्रोल में रखता है।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *