विज्ञान भारती राजस्थान द्वारा पर्यावरण दिवस पर ई- परिचर्चा का आयोजन
विज्ञान भारती राजस्थान की ओर से 5 जून 2020 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जैव विविधता एवं प्रबंधन विषय पर वेबिनार के माध्यम से ई – परिचर्चा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। डॉ. मेघेन्द्र शर्मा सचिव विज्ञान भारती राजस्थान द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया तथा आत्मनिर्भर भारत को संकल्पित ई परिचर्चा वेब शृंखला का परिचय दिया।
वेबिनार के विशिष्ट अतिथि निम्बा राम क्षेत्र प्रचारक, राजस्थान ने जीवन के मूल्यवान गुणों को समझाया और पाश्यात्य सभ्यता को भूल कर हमें भारत की संस्कृति को अपनाने का संदेश दिया और कोरोना काल के संक्रमण युग में आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना हर संभव प्रयास करने हेतु प्रेरित किया।
मुख्य अतिथि श्री गजेंद्र सिंह शेखावत माननीय मंत्री जल शक्ति भारत सरकार के द्वारा वेबिनार का उदघाटन किया गया। माननीय मंत्री जी द्वारा अपने उद्घाटन भाषण में विज्ञान भारती से पर्यावरण व जल प्रबंधन हेतु जागरूकता बढ़ाने के लिये सहयोग की अपील की गई। उन्होंने कहा कि विज्ञान भारती वेबिनार में आने वाले मुख़्य सुझावों को एकत्रित करे ताकि सुझावों को नीति निर्माण में काम में लाया जाए।माननीय मंत्री जी ने जल शक्ति मंत्रालय द्वारा किए गए कार्यों को संक्षेप में बताया तथा जनता से यह अपेक्षा रखी कि जल संरक्षण को जन आंदोलन से जोड़ा जाये। उन्होंने कहा कि जल सरंक्षण आंदोलन को जन आंदोलन बनाना होगा।
सेशन की अध्यक्षता डॉ. एल एस राठौड़, पूर्व महा निदेशक, मौसम विभाग द्वारा की गई।
सेशन में डॉ. के एम पाठक, पूर्व डीडी आईसीएआर; डॉ. एच एस गुप्ता, पूर्व डायरेक्टर आईएआरआई; डॉ. एल एन हर्ष, पूर्व वाईस चांसलर अग्रि यूनिवर्सिटी, जोधपुर; डॉ. पी के दशोरा, पूर्व वाईस चांसलर, टेक यूनिवर्सिटी, कोटा; डॉ. ए के पुरोहित, पूर्व डायरेक्टर, एसकेआरएयू, बीकानेर तथा डॉ. जे एस संधू वाईस चांसलर, कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर ने अपने विचार रखे।
विचार विमर्श सत्र का संचालन डॉक्टर एन के गुप्ता परीक्षा नियंत्रक कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर द्वारा किया गया।
श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय संगठन मन्त्री, विज्ञान भारती ने आयोजकों को धन्यवाद दिया एवं धरातल पर पर्यावरण के लिये काम करने पर जोर दिया।
विज्ञान भारती समय समय पर देश के विकास हेतु प्रयासों में अग्रसर रहता है। विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष पर एक सार्थक प्रयास किया गया।
कार्यक्रम के अंत में श्री शैलेश जैन संयुक्त सचिव विज्ञान भारतीय राजस्थान द्वारा सभी के सहयोग एवं बहुमूल्य समय के लिये आभार व्यक्त किया गया।