विदेशों में हिन्दुओं पर बढ़ते हमले, जिम्मेदार कौन?
मृत्युंजय दीक्षित
विदेशों में हिन्दुओं पर बढ़ते हमले, जिम्मेदार कौन?
पाकिस्तान व बांग्लादेश में हिन्दुओं के अमानवीय उत्पीड़न की ह्रदय विदारक घटनाएं पहले ही थमने का नाम नहीं ले रही हैं और अब स्वयं को धर्मनिरपेक्ष तथा शांति प्रिय मानने वाले देशों कनाडा व ब्रिटेन में जा बसे पाकिस्तानियों तथा अन्य मुस्लिमों के द्वारा जिस प्रकार हिंदू मंदिरों व हिंदू समाज के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, वह निश्चय ही बेहद चिंता का विषय है। कनाडा में तो भारत विरोधी खालिस्तानी गैंग पहले से ही सक्रिय है, जिसे पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई का सहयोग प्राप्त है, लेकिन ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार होने के तत्काल बाद ही जिस प्रकार से हिंदू मंदिरों पर हमले हुए, वे हैरान करने वाले हैं।
कनाडा में ही सबसे पहले मां काली का एक फिल्म के माध्यम से अपमान हुआ, फिर कनाडा के टोरंटो में ही खालिस्तानी आतंकवादियों ने हिंदुओं के एक प्रमुख पूजा स्थल स्वामी नारायण मंदिर में तोड़ फोड़ की। मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे। इससे पूर्व कनाडा के गौरी शंकर मंदिर और जगन्नाथ मंदिर पर भी हमला बोला गया। कनाडा एक शांतिप्रिय देश माना जाता था, लेकिन अब वहां पर खालिस्तानी आतंकवादियों ने अपना बेस बना लिया है, जिसे पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई का सहयोग व संरक्षण मिलता रहता है।
रामजन्मभूमि आन्दोलन का प्रमुख चेहरा रहीं व वात्सल्य ग्राम की रचना करने वाली प्रख्यात समाजसेवी साध्वी ऋतम्भरा द्वारा एक टीवी पत्रकार को दिए गए साक्षात्कार के अनुसार, उनको अमेरिका से भारत आते हुए लन्दन से ट्रांजिट करना था किन्तु ब्रिटेन के शहरों में हिंसक उपद्रवों के कारण लंदन प्रशासन ने उनको ट्रांजिट नहीं करने दिया और उनको दूसरे विकल्प का चयन करना पड़ा। इस घटना से सिद्ध होता है कि ब्रितानिया प्रशासन पाकिस्तान के मुस्लिम कट्टरपंथियों के दबाव में है ।
ब्रिटेन व कनाडा में हिंसक उपद्रवों के बाद वहां बसे हिंदू समाज में व्याप्त हुए भय के वातावरण के बीच यहां के सेकुलर समाज ने मौन साध लिया है। अभी तक भारत के किसी भी सेकुलर दल ने ब्रिटेन की हिंसा पर अपने विचार व्यक्त नहीं किये हैं, अपितु समाजवादी पार्टी के सांसद एस.टी. हसन ने ब्रिटेन की हिंसा के लिए भी बीजेपी व संघ को ही जिम्मेदार बता डाला। उनके बयान से साफ है, मुस्लिम तुष्टिकरण और हिंदू फोबिया इन तथाकथित दलों के नेताओं के दिमाग में कितना छा गया है। ब्रिटेन व कनाडा में हिंदू समाज भयभीत है, इसकी चिंता किसी को भी नहीं है।
ब्रिटेन में हिंदू समाज के साथ हिंसा एक सुनियोजित षड्यंत्र लग रही है। वहां से प्राप्त समाचारों के अनुसार क्रिकेट के एशिया कप के पहले मैच में भारत के हाथों पाकिस्तान की हार हुई थी, उसके बाद वहां बसे भारतीय अपनी जीत का उल्लास मना रहे थे। लेकिन यह बात वहां पर रह रहे पाकिस्तानी कटटरपंथियों को बर्दाश्त नहीं हुई और भारत के प्रति घृणा से भरे पाकिस्तानियों ने हिंसक विरोध किया। बाद में वह हिंसा हिंदू बनाम मुस्लिम की हो गई। ब्रिटेन के सोशल मीडिया में भी अफवाहें उड़ाई गईं और कहा गया कि वहां पर एक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया है, जबकि वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था।
ब्रिटेन के लेस्टर (Leicester) में मंदिरों के बाद हिंदुओं के घरों को भी निशाना बनाया जा रहा है। वहां पर हालात यह हो गये हैं कि जिन हिन्दुओं के घरों के बाहर हिन्दू प्रतीक बने हुए हैं, जिनमें स्वातिस्क का चिन्ह है, शुभ – लाभ लिखा है, गणेश जी की प्रतिमा बनी है, यहां तक कि जिन घरों के द्वार पर तुलसी का पौधा रखा है, लोग वह भी अपने घरों के बाहर से हटा रहे हैं ताकि कहीं किसी कट्टरपंथी की दृष्टि उनके घर पर भी न पड़ जाये। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ कि एक कार पर हिंदू देवता की प्रतिमा लगी हुई थी कट्टरपंथियों ने वह कार ही पलट दी। एक अन्य वीडियो में दिख रहा है कि गैंग बनाकर हिंदुओं के घरों के आगे तोड़फोड़ की जा रही है। एक वीडियो में दिख रहा है कि नकाब लगाकर एक आदमी भगवा ध्वज को उखाड़कर ले जा रहा है। एक शिव मंदिर पर हमला किया गया और मंदिर के ऊपर लगे भगवा झंडे को भी नीचे गिरा दिया गया। स्मिथविक शहर में भी हिंदू धर्म के आस्था केंद्र मंदिरों पर हमले किये गये और उपद्रवियों ने ब्रिटेन में बीजेपी, संघ को नहीं आने देंगे तथा हिंदू समाज को डराने के लिए अल्ला- हू -अकबर के नारे लगाये।
इन कट्टरपंथियों का हिंसा फ़ैलाने का पैटर्न वैसा ही है जैसा भारत में रहता है, पहले सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जाती हैं फिर उनका सहारा लेकर हिंसा की जाती है। ब्रिटेन में भी पहले अफवाह उड़ा दी गई कि एक मस्जिद को तोड़ दिया गया है फिर हिन्दू मंदिरों और मतावलंबियों पर हिंसक हमले किये गए।
पाकिस्तान लगातार भारत विरोधी जहर उगल रहा है तथा वह भारत व भारतीयों के हितों को नुकसान पहुंचाने के नए नए अवसर खोजता रहता है। उसे यह अवसर अबकी बार ब्रिटेन में मिल गया। साध्वी ऋतम्भरा का कहना है कि हिंदू सनातन संस्कृति व समाज के विरुद्ध एक बहुत गहरा षड्यंत्र चल रहा है। आज हम अपनी मेहनत व शांति के बल पर ही यहां तक पहुंचे हैं। हिंदू शांति प्रिय है, वह कभी भी अपनी ओर से हिंसा नहीं करता। जहां पर हिंदू जनसंख्या अधिक होती है और मुस्लिम आबादी बहुत कम, वहां पर कभी कोई हिंसा नहीं होती। लेकिन जहां मुस्लिम जनसंख्या बढ़ जाती है, वहां पर अल्पसंख्यसक हिंदू समाज की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं रह जाती है। यही ब्रिटेन की हिंसा का मूल कारण है। लेस्टर शहर, जहां हिंसा हुई, वहां पर मुस्लिम जनसंख्या अधिक है।
आज तक जिस विदेशी पुलिस की सतर्कता की गाथाएं गाई जाती रही हैं, आज वो पुलिस इन उपद्रवियों के सामने मूक दर्शक बनकर खड़ी दिखाई दे रही है। विश्लेषकों का कहना है कि यह हिंसा सुनियोजित है और हिंसा के इस षड्यंत्र में भारत की वे आंतरिक शक्तियां भी शामिल हैं जो सत्ता के लालच में देश और मोदी विरोध में अंतर करना भूल गई हैं। इसमें भारत के सभी सेकुलर राजनेता व वे पत्रकार जिनके विदेशी लिंक हैं, सब शामिल हैं।
आज पूरे विश्व में हिंदू सनातन संस्कृति आगे बढ़ रही है, अभी कोरोना काल में देखा गया कि विश्व के कई देशों में लोग योग और आयुर्वेद का सहारा लेकर स्वस्थ हुए। भारत ने अपनी वैक्सीन बनायीं और विश्व को दीं। आर्थिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है तथा विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था बन चुका है। प्रधानमंत्री ने स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर विकसित राष्ट्र का प्रण लिया, यह बात आज भारत व हिंदू सनातन संस्कृति की विरोधी ताकतों को पसंद नहीं आ रही है तथा ये लोग विरोध में किसी भी निचले स्तर तक जा सकते हैं। यह नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को कम करने के षड्यंत्र का हिस्सा भी हो सकता है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर जो कि आजकल अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए गये हैं, उन्होंने ब्रिटेन के विदेश सचिव से हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर बात की है। ब्रिटेन की पुलिस ने अब तक हिंसा में शामिल दो सौ लोगों को हिरासत में लिया है। लेकिन यह हिंसा अभी भी कहीं न कहीं जारी है। ये सभी घटनाएं स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि हिंदू समाज के विरुद्ध भारत विरोधी शक्तियां किस प्रकार नकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास करती रहती हैं।