विश्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता निलंबित की

विश्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता निलंबित की

विश्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता निलंबित कीविश्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता निलंबित की

विश्व कुश्ती संघ ने 24 अगस्त को भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दी। भारतीय कुश्ती संघ में चुनाव नहीं होने के कारण यह कार्रवाई की गई। कुश्ती संघ की सदस्यता निलंबित होने के कारण अब आगामी विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारतीय पहलवान भारत के झंडे तले नहीं खेल पाएंगे। खिलाड़ियों को बिना तिरंगे के प्रतियोगिता में जाना होगा। अर्थात अब भारतीय पहलवान ‘ऑथराइज्ड न्यूट्रल एथलीट’ बनकर टूर्नामेंट में शामिल होंगे।
‘ऑथराइज्ड न्यूट्रल एथलीट’ (ANA) कैटेगरी के अंतर्गत किसी विवाद की सूरत में संबंधित देश के एथलीट इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं, तो वे अपने देश के झंडे तले नहीं बल्कि प्रतियोगिता कराने वाली इंटरनेशनल संस्था के बैनर तले खेलते हैं और यदि ये खिलाड़ी पदक जीतते हैं तो उन पदकों को उनके देश के मेडल्स में भी काउंट नहीं किया जाता। मेडल जीतने पर होने वाली अवॉर्ड सेरेमनी में उनके देश का राष्ट्रगान भी नहीं बजाया जाता।

भारतीय पहलवान 16 से 22 सितंबर के बीच सर्बिया में होने वाली पुरुषों की वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भाग लेने वाले हैं। भारतीय पहलवानों को इस ओलिंपिक-क्वालिफाइंग चैंपियनशिप में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के बैनर तले ही खेलना होगा। इन्हें ‘ऑथराइज्ड न्यूट्रल एथलीट’ की कैटेगरी में गिना जाएगा।

इससे पूर्व वर्ष 2017 की IAAF वर्ल्ड चैंपियनशिप में रूस के 19 एथलीटों को न्यूट्रल एथलीट के रूप में खेलने की अनुमति दी गई थी।

इसी प्रकार 2018 की IAAF वर्ल्ड इंडोर चैंपियनशिप में 8 और 2018 की ही IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में कुल 9 एथलीटों ने न्यूट्रल एथलीट के रूप में भाग लिया।

2019 की यूरोपीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कुल 30 और 2019 में ही दोहा में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में कुल 29 एथलीटों ने भी न्यूट्रल एथलीट की तरह भाग लिया था।

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग की ओर से भारतीय कुश्ती संघ के नाम 30 मई को ही पत्र भेज दिया गया था, जिसमें साफ शब्दों में यह कहा गया था कि 45 दिन अर्थात 15 जुलाई तक भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव नहीं किया गया तो सदस्यता निलंबित कर दी जाएगी। भारतीय ओलंपिक संघ ने 27 अप्रैल को एडहॉक कमेटी का गठन किया था और इस कमेटी को 45 दिनों के भीतर भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव करवाने थे। लेकिन कमेटी ऐसा करने में असफल रही ।

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल बहुत समय पहले ही समाप्त हो चुका है। इसके बाद कुश्ती संघ में चुनाव कराने के कई प्रयास किए गए और सुप्रीम कोर्ट ने कई बार चुनाव की दिनांक़ तय की, परंतु चुनाव नहीं हो पाए। कई राज्यों के कुश्ती संघ चुनाव की प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं और उनकी याचिका पर कई बार कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक लग चुकी है। पहले पहलवानों के प्रदर्शन और फिर अलग-अलग राज्य के कुश्ती संघों की याचिका के चलते अलग-अलग हाईकोर्ट चुनाव पर रोक लगाते रहे और चुनाव में देरी होती गई।

इससे पहले भी भारतीय कुश्ती संघ को जनवरी में और फिर मई में निलंबित किया गया था। इस समय भारत के शीर्ष पहलवानों ने तत्कालीन अध्यक्ष बृज भूषण पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही पहलवानों ने कुश्ती संघ की कार्य प्रणाली का विरोध किया था।

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