विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेले की बढ़ने लगी रंगत

पाथेय डेस्क ।

जयपुर। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले के अनौपचारिक शुभारंभ के साथ ही पशुओं और पशुपालकों की आवक तेज हो गई है। रेतीले धोरे पशुओं की हलचल और आवाजों से आबाद होने लगे हैं। विदेशी पर्यटक भी पुष्कर पहुंचने लगे हैं। दीपावली के दूसरे दिन से शुरू हुए पशु मेले में पशुपालन विभाग ने अब तक 600 पशुओं की आवक दर्ज की है। और जानवरों की आवक लगातार बनी हुई है। मेले में अब तक सर्वाधिक पशु ऊंट वंश का शामिल हुआ है इसके अलावा घोड़े और अन्य पशु पहुंचे हैं।

मेला स्टेडियम व आसपास के धोरों में पशुपालक अपने जानवरों के साथ खुले आसमान के नीचे डेरा डाले हुए हैं। पशु पालकों की सुविधा के लिए पशुपालन विभाग की ओर से पानी बिजली आदि की व्यवस्था की जा रही है। मेले में आने वाले पशुओं का पंजीयन करने के लिए विभाग की ओर से चौकी की स्थापना की जा रही है। पशुओं की स्वास्थ्य जांच की जा रही है।

पुष्कर मेले में अस्थाई दुकानदारों ने भी मेला क्षेत्र में दुकानें सजानी शुरू कर दी हैं। झूले और सर्कस के पंडाल सजने लगे हैं। देशी-विदेशी सैलानी और पशु खरीददार भी मेले में पहुंचने लगे हैं। यात्रियों की भारी भीड़ के चलते पुलिस प्रशासन ने मेला मैदान में ही सभी वाहनों की पार्किग की व्यवस्था की है।

उल्लेखनीय है कि मेला चार नवंबर से सरोवर की पूजा-अर्चना और झंडारोहण के साथ शुरू होगा। धार्मिक मेला आठ नवंबर से 12 नवंबर तक चलेगा। इस बार मेला क्षेत्र में भूमि मालिकों द्वारा जगह जगह चारदीवार बनाने और तारबंदी करने से पशुपालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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