विश्व में बढ़ रहा है भारत का गौरव- हनुमान सिंह
विश्व में बढ़ रहा है भारत का गौरव- हनुमान सिंह
- संघ शिक्षा वर्ग का समापन कार्यक्रम व दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
मेड़ता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राजस्थान क्षेत्र के महाविद्यालय विद्यार्थियों के 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग के समापन अवसर पर रामविलास जी महाराज (छोगाराम जी का स्थान, कबीर आश्रम, बासनी सेजा) ने कहा कि आज के समय में समाज को संघ कार्य की महती आवश्यकता है। सभी को संघ के साथ जुड़कर इस कार्य में सहयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता हनुमान सिंह ने कहा कि विश्व में भारत का गौरव बढ़ रहा है। विश्व के कई देशों में दीपावली मनाई जा रही है। कनाडा में नवम्बर माह हिंदू आध्यात्मिक स्मृतियों को समर्पित किया गया है। अमेरिका में न केवल मंदिरों की संख्या बढ़ी है, अपितु सड़कों के नाम भी हिंदू देवताओं के नाम पर रखे जा रहे हैं। भारत ने विश्व को योग नि:शुल्क दिया है। विश्व के लिए योग आर्थिक सम्बल भी है। इसे एक इंडस्ट्री के रूप में देखा जा रहा है, जो कि कई बिलियन डॉलर की है। योग एवं ध्यान के महत्व को विश्व का मानव समाज समझने लगा है, ध्यान के द्वारा दया के भाव का निर्माण होता है। परोपकार की भावना ही सबसे बड़ा पुण्य है।
उन्होंने कहा कि भारत में लोग धर्म की बात ही नहीं करते अपितु धर्म को जीते हैं। विश्व में भारत की परिवार व्यवस्था एवं जीवन मूल्यों के प्रति आकर्षण बढ़ता जा रहा है, किन्तु आज आवश्यकता इस बात की है कि हम इन व्यवस्थाओं को और अच्छे से संजोकर नई पीढ़ी को दें व परिवार प्रबोधन करें। उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रकृति के निकट रहकर मनुष्य सुखी होता है। अतः पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है।
मुख्य वक्ता ने सुरक्षा पर चर्चा करते हुए कहा कि अभी देश में आतंकी, असामाजिक एवं अराजक शक्तियां बढ़ रही हैं। जब समाज में विभाजनकारी संगठन सक्रिय हो जाते हैं, तो विघटन पैदा करते हैं। जनसंख्या असन्तुलन से देश का अंग भंग हो गया। जहां हिन्दू घटा है, वहां देश बंटा है।प्राचीन भारत में गांव में अनजान व्यक्ति से पूछताछ के रूप में सुरक्षा की सुचारू व्यवस्था थी। इसी प्रकार वर्तमान समय में भी हमें समाजिक स्तर पर भी सुरक्षा के लिए सतर्क होना होगा।
उन्होंने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि हमें चाहिए कि हम सभी ईश्वर प्रदत्त जलाशयों, देवस्थानों व दाह संस्कार स्थलों के उपयोग में भेदभाव छोड़कर समरसता का व्यवहार करें। पूर्वजों द्वारा हुई चूक का परिमार्जन करने का दायित्व हमारा है।
बौद्धिक से पूर्व स्वयंसेवकों ने घोष, यष्टि व आसन आदि का सामूहिक प्रदर्शन किया। निर्मले हे धार गंगे के साथ उद्बोधन प्रारम्भ हुआ। मंच पर मुख्य अतिथि उद्योगपति एवं समाजसेवी दीनदयाल अग्रवाल, वर्ग के अधिकारी कर्नल सुरेश कुमार जांगिड़ सेवानिवृत्त एवं मेड़ता जिला संघचालक श्यामसुंदर बिड़ला उपस्थित थे।
वर्ग कार्यवाह साजन राम ने प्रतिवेदन वाचन करते हुए बताया कि संघ शिक्षा वर्ग में चितौड़ प्रान्त के 55, जयपुर प्रान्त के 56 एवं जोधपुर प्रान्त के 53 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर शहर से बड़ी संख्या में मातृशक्ति व पुरुष वर्ग की सहभागिता रही।