शेखावाटी में संघ के दो आधार स्तम्भ, स्मृति शेष

शेखावाटी में संघ के दो आधार स्तम्भ, स्मृति शेष

जयपुर, 01 फरवरी। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं को सुदृढ़ करने से लेकर समाज में संस्कार, संस्कृति और सरोकार की अलख जगाने वाले दो आधार स्तम्भ पूर्व विभाग संघचालक जसवंत सिंह शेखावत तथा लम्बे समय तक संघ कार्यालय प्रमुख का दायित्व संभालने वाले वयोवृद्ध उदयलाल टाक अपना आशीर्वाद देकर विदा हो गए। उनके निधन के समाचार से संघ कार्यकर्ताओं में शोक की लहर व्याप्त हो गई। कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने माध्यम से अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।

ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सीकर विभाग जिसमें चूरू, सीकर व झुंझुनूं क्षेत्र आता है, जसवंत सिंह शेखावत ने इसके विभाग संघचालक का दायित्व लम्बे समय तक संभाला। उन्हें संघ के कार्यकर्ता व समाजजन ‘बाबाजी’ भी पुकारते थे। मौनी अमावस्या पर मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम यात्रा बड़ी कोटड़ी उदयपुरवाटी स्थित उनके आवास से बुधवार को प्रातः 11 बजे प्रारंभ होगी।

शेखावाटी में संघ के दो आधार स्तम्भ, स्मृति शेष

शेखावाटी क्षेत्र के ही संघ के वयोवृद्ध कार्यकर्ता और सीकर में सबसे बड़े संयुक्त परिवार के मुखिया 102 वर्षीय उदयलाल टाक के निधन के समाचार से भी कार्यकर्ताओं में शोक छा गया। सेवानिवृत्ति के बाद 25 वर्ष तक उन्होंने भारती भवन में वस्तु भण्डार का कार्य संभाला। उसके बाद सीकर संघ कार्यालय प्रमुख का दायित्व निर्वहन किया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर एक बजे होगा।

शेखावाटी में संघ के दो आधार स्तम्भ, स्मृति शेष

संघ को जीवन में जीने वाले आदर्श कार्यकर्ताओं के अवसान पर संघ कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों ने संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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3 thoughts on “शेखावाटी में संघ के दो आधार स्तम्भ, स्मृति शेष

  1. परम पूजनीय आद्य सरसंघचालक डॉ हेडगेवार जी ने संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक के लिए जो प्रेरणादाई उदाहरण प्रस्तुत किया है उसी का अनुसरण करते हुए माननीय जसवंत सिंह जी शेखावत ने भी उम्र के अन्तिम पड़ाव में भी नियमित संघ शाखा में जाना जारी रखा। अधिक उम्र के कारण कानों से सुनना बंद होने के उपरांत भी उदयपुर वाटी में एक विस्तार को साथ लेकर प्रत्यक्ष संघ कार्य से जुड़े रहे। संघ कार्य करने की तीव्र ललक उनके जीवन में अन्तिम समय तक रही। उनका कार्य करने तरीका आदेशात्मक नहीं रहा अपितु ” आप मरयां जग प्रलय की कहावत ही इनके जीवन में चरितार्थ हुई है। स्वयं आगे बढ़कर कार्य शुरू करते थे। इनकी सद्प्रेरणा से झुंझुनूं जिले से अनेक प्रचारक निकलें हैं जो आज भी अपना सर्वस्व अर्पण करके राष्ट्र कार्य में लगे हैं।जिले का‌ कोई ऐसा गांव नहीं होगा जहां इनका सम्पर्क न हो।

  2. परम पूजनीय आद्य सरसंघचालक डॉ हेडगेवार जी ने संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक के लिए जो प्रेरणादाई जीवन का उदाहरण प्रस्तुत किया है उसी का अनुसरण करते हुए माननीय जसवंत सिंह जी शेखावत ने भी उम्र के अन्तिम पड़ाव में भी नियमित रूप से संघ शाखा में जाना जारी रखा। अधिक उम्र के कारण उन्हें कानों से सुनना बंद हो गया था इसके उपरांत भी अपने सहयोग के लिए एक विस्तारक को साथ लेकर प्रत्यक्ष रूप से संघ कार्य से जुड़े रहे। संघ कार्य करने की ललक उनके अन्तिम समय तक रही। उनका कार्य करने का तरीका आदेशात्मक नहीं रहा वो हमेशा अपने जीवन में “आप मरयां जग प्रलय” कहावत को चरितार्थ कर के दिखाते थे। स्वयं आगे बढ़कर कार्य की शुरुआत करते थे।
    इन्हीं की प्रेरणा से झुंझुनूं जिले से अनेक प्रचारक निकलें जो आज भी राष्ट्र को सर्वस्व अर्पण कर के संघ के कार्य में लीन हैं।

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