श्रीनगर में आतंकवाद के चलते बंद हुए शैक्षणिक संस्थान फिर से खोले जा रहे हैं
श्रीनगर में आतंकवाद के चलते बंद हुए शैक्षणिक संस्थान फिर से खोले जा रहे हैं
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। जहां दशकों से बंद पड़े धार्मिक स्थलों को खोला जा रहा है, वहीं अतीत का भाग हो जाने वाले शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के प्रयास भी जारी हैं। श्रीनगर के डाउनटाउन क्षेत्र के सराफ कदल क्षेत्र में स्थित आर्य समाज विद्यालय, जो लगभग 33 वर्षों से बंद था। उसे सोमवार (11 सितंबर) को पुन: प्रारंभ कर दिया गया।
डाउनटाउन के सराफ कदल क्षेत्र का यह विद्यालय 1980 के समय में यहॉं का सबसे बड़ा विद्यालय माना जाता था। परंतु इसे वर्ष 1990 में आतंक और अलगाव के कारण खराब वातावरण को देखते हुए बंद कर दिया गया था। वर्ष 1992 में कुछ लोगों ने इस विद्यालय पर कब्जा करके इसका नाम आर्य समाज से बदलकर नक्शबंद पब्लिक स्कूल कर दिया। पिछले 33 वर्षों से यह विद्यालय नक्शबंद स्कूल के नाम से चल रहा था। वर्ष 2022 में आर्य समाज ट्रस्ट ने नक्शबंद पब्लिक स्कूल के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की और स्थानीय लोगों के समर्थन से कानूनी लड़ाई लड़कर इसे पुन: प्राप्त कर किया है। अब यह विद्यालय डीएवी विद्यालय के नाम से प्रारंभ कर दिया गया है।
क्षेत्रीय लोगों और विद्यार्थियों के अनुसार इस विद्यालय का पुन: डाउनटाउन में खुलना एक बहुत बड़ा परिवर्तन है। सरकार को चाहिए कि दूसरे बंद विद्यालयों को भी पुन: प्रारंभ करे, जिससे गरीब बच्चे भी विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर सकें।
जानकारी के अनुसार, आर्य समाज ट्रस्ट का यह विद्यालय अभी एक जर्जर भवन में चल रहा है। अभी इसमें सराफ कदल क्षेत्र के वंचित परिवारों के 35 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यहां शिक्षा निशुल्क है, परंतु कुछ माता पिता स्वेच्छा से 500 रुपए प्रतिमाह का योगदान विद्यालय को देते हैं।
वहीं श्रीनगर के वजीरबाग क्षेत्र में स्थित देवकी आर्या पुत्री पाठशाला गर्ल्स हायर सेकेंडरी विद्यालय वर्ष 1910 में स्थापित किया गया था। इस विद्यालय में वर्ष 1953 में संगीत महाविद्यालय प्रारंभ हुआ, जिसमें छात्राओं को संगीत सिखाया जाता था। विद्यालय चलता रहा, परंतु कश्मीर में आतंकवाद के जन्म के साथ ही संगीत महाविद्यालय भी बंद हो गया। अब जुलाई माह में इसे फिर से प्रारंभ किया गया है।