श्री महावीर जी मेला : मीणा और गुर्जर समाज की नृत्य टोलियां होती हैं जिसका मुख्य आकर्षण

श्री महावीर जी मेला : मीणा और गुर्जर समाज की नृत्य टोलियां होती हैं जिसका मुख्य आकर्षण

श्री महावीर जी मेला : मीणा और गुर्जर समाज की नृत्य टोलियां होती हैं जिसका मुख्य आकर्षण

श्री महावीर जी करौली जिले के कस्बे हिंडौन सिटी से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जैन तीर्थ स्थल है। यहां पर हर वर्ष महावीर जयंती के अवसर पर चैत्र शुक्ल तेरस से वैशाख कृष्ण द्वितीय तक पांच दिवसीय मेला लगता है। मंदिर की शोभा महावीर जयंती के अवसर पर मनाए जाने वाले उत्सव में विशेष होती है। मेले के दौरान ध्वजारोहण, जयंती, जुलूस, जल यात्रा, जिनेंद्र रथ यात्रा और कलषाभिषेक के कार्यक्रम होते हैं। इस मेले में कई जैन संत प्रवचन भी देते हैं। मेले के अवसर पर जैन प्रभु की प्रतिमा को रथ पर बैठा कर गंभीर नदी के तट पर ले जाया जाता है, साथ ही उत्साह से भजन गान करते भक्त मंडलों की टोली होती है। नदी तट पर भव्य पंडाल में प्रतिमा का अभिषेक किया जाता है। इस रथयात्रा का विशेष आकर्षण मीणा और गुर्जर समाज की नृत्य टोलियां होती हैं। भगवान के रथ का संचालन हिंडौन सिटी उपखंड अधिकारी के द्वारा किया जाता है। रथयात्रा के दौरान मीणा समाज के लोग मजीरों की झंकार के साथ-साथ नाचते झूमते नदी तट तक जाते हैं और वापसी में गुर्जर समुदाय के लोग रथयात्रा को वापस लेकर आते हैं। यह राजस्थान का एक ऐसा मेला है जिसमें मीणा, गुर्जर और जैन समाज एक सामाजिक सौहार्द का अनूठा वातावरण प्रस्तुत करते हुए भाग लेते हैं।

मंदिर कमेटी के अनुसार मंदिर का निर्माण चार शताब्दी पूर्व बसवा निवासी अमरचंद बिलाला ने करवाया था। वहीं गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित मासिक पत्र कल्याण में उपलब्ध जानकारी के अनुसार चांदन गाम का श्री महावीर जी मंदिर भरतपुर के जोधराज दीवान ने बनवाया था। यह मंदिर जैन धर्म की आस्था का प्रतीक तो है ही, साथ ही गुर्जर, मीणा समाज का भी आराध्य स्थल है।

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