संघ का कार्य सर्वव्यापी एवं सर्वस्पर्शी- निम्बाराम
संघ का कार्य सर्वव्यापी एवं सर्वस्पर्शी- निम्बाराम
दौसा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य सर्वव्यापी एवं सर्वस्पर्शी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉ. केशव राव ने 1925 में हिंदू राष्ट्र की संकल्पना के साथ की। संघ की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। संघ के स्वयंसेवक सेना व पुलिस की तरह सभी कार्य समय पर करने वाले हैं। संघ की एक घंटे की शाखा में सीखने वाला स्वयंसेवक खेल ही नहीं, सेवा कार्य करके, समाज में जाकर अपनी योग्यता दिखाता है। आपदा, विपदा, आगजनी, बाढ़, भूस्खलन जैसे अवसरों पर सरकार से पहले पहुंचता है। ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने दौसा में आयोजित पथ संचलन कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि 2025 में संघ के 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं। संघ को जन जन तक पहुंचाना है। संघ की शाखाओं का विस्तार मंडल स्तर तक करना है। नगरीय क्षेत्र की हर बस्ती में शाखा लगनी चाहिए। डॉ. साहब ने स्वतंत्रता सेनानी के रूप में सशस्त्र क्रांति का नेतृत्व किया था। उन्होंने 1914 में स्वाधीनता आंदोलन में सहभागी बनकर भारत सेवक मंडल का गठन किया था और 20 हजार लोगों को सदस्य बनाया था। डॉ. साहब के भाषण क्रांतिकारी होते थे। इस कारण उन्हें एक वर्ष का सश्रम कारावास भुगतना पड़ा। उन्होंने 1920 के नागपुर अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव गांधी जी को सौंपा था, जो 1929 में पारित हुआ। लाखों लोगों की हत्या के बाद ही हमारे देश को स्वतंत्रता मिली और लोग गीत गाते हैं दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल। याची देहि याची डोला, संघ के स्वयंसेवक इस भावना को रखने वाले हैं। संघ अभी तीन गतिविधियों- पर्यावरण, सामाजिक समरसता तथा कुटुंब प्रबोधन के माध्यम से कार्य कर रहा है। हमें सामाजिक समरसता पर काम करते हुए संघ को सर्व स्पर्शी बनाना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत सूबेदार दीपक रावत ने की। स्वयंसेवकों ने नगर के प्रमुख मार्गों में द्विधारा संचलन निकाला।