अपने जीवित रहते हम भारत को समृद्ध, समरस व समर्थ राष्ट्र के रूप देखेंगे- निम्बाराम

अपने जीवित रहते हम भारत को समृद्ध, समरस व समर्थ राष्ट्र के रूप देखेंगे- निम्बाराम
अपने जीवित रहते हम भारत को समृद्ध, समरस व समर्थ राष्ट्र के रूप देखेंगे- निम्बाराम  अपने जीवित रहते हम भारत को समृद्ध, समरस व समर्थ राष्ट्र के रूप देखेंगे- निम्बाराम
जयपुर, 1 मई। अपने जीवित रहते ही हम पूरे विश्व में भारत को एक समृद्ध, समरस और समर्थ राष्ट्र के रूप में खड़ा होता हुआ देखेंगे। इस कार्य की पूर्ति के लिए संघ अपने प्रारंभिक काल से ही लगा है और 2047 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, अब समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस कार्य में सहयोग और योगदान देने की आवश्यकता है। संघ का कार्य संपूर्ण हिंदू समाज का संगठन करना है। ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने वैशालीनगर के चित्रकूट में आयोजित संघ के “पराक्रम” कार्यक्रम में रखे।
कार्यक्रम के दौरान तेज बारिश आ गई, लेकिन स्वयंसेवकों ने 35 मिनट तक बिना रुके दंड, नियुद्ध, यष्टि, सूर्य नमस्कार आदि अनेकों शारीरिक प्रस्तुतियां देकर उपस्थित जनसमुदाय का मन हर लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मेजर किशन सिंह चौहान रहे। मेजर चौहान स्वयंसेवकों की कठिन साधना और परिश्रम देखकर हतप्रभ थे। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों का आत्मबल उनको निश्चित ही सफलता के शिखर पर लेकर जाएगा।
कार्यक्रम में राजस्थान क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, महानगर संघचालक रमेश सिंह राजपुरोहित, भाग संघचालक मानसिंह चौहान सहित सैकड़ों की संख्या में आमजन उपस्थित थे। मानसरोवर भाग के संघचालक मान सिंह चौहान ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार प्रकट किया।
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2 thoughts on “अपने जीवित रहते हम भारत को समृद्ध, समरस व समर्थ राष्ट्र के रूप देखेंगे- निम्बाराम

  1. भारत, अपने पुनर परम वैभव के शिखर को स्पर्श करने की ओर तीर्वगति से अग्रसर हो रहा है। एक ओर भारत को गजवा ए हिंद करने की हिमाक़त दिखाई दे रही है। शिक्षा, प्रशिक्षण, शासन, प्रशासन विभिन्न तरह की जिहादी करतूतें की जा रही है, जिसे नेस्तनाबूत करते हुए संघ के स्वयं सेवक हमें शक्ति को पुनरेकीकृत करते हुए सतत सजग सहयोग करने की नितांत आवश्यकता है। भारत माता की जय।
    ~~ जमालपुरकर गंगाधर, श्री नीलकंठ नगर, सब्जी मंडी, हैदराबाद, तेलंगाना।

  2. भारत, अपने पुनर परम वैभव के शिखर को स्पर्श करने की ओर तीर्वगति से अग्रसर हो रहा है। एक ओर भारत को गजवा ए हिंद करने की हिमाक़त दिखाई दे रही है। शिक्षा, प्रशिक्षण, शासन, प्रशासन विभिन्न तरह की जिहादी करतूतें की जा रही है, जिसे नेस्तनाबूत करते हुए संघ के स्वयं सेवक हमें शक्ति को पुनरेकीकृत करते हुए सतत सजग सहयोग करने की नितांत आवश्यकता है। भारत माता की जय।
    ~~ जमालपुरकर गंगाधर, श्री नीलकंठ नगर, सब्जी मंडी, हैदराबाद, तेलंगाना।

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