राजस्थान में तीन स्थानों पर चल रहे संघ शिक्षा वर्गों का समापन शुक्रवार को
राजस्थान में तीन स्थानों पर चल रहे संघ शिक्षा वर्गों का समापन शुक्रवार को
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर–पश्चिम क्षेत्र (राजस्थान) में कुल 11 स्थानों पर संघ शिक्षा वर्ग चल रहे हैं, इनमें जयपुर प्रांत में तीन स्थानों- हिण्डौन, सीकर व निवाई में आयोजित 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम व द्वितीय वर्ष 9 जून, शुक्रवार को संपन्न होंगे। हिण्डौन के संघ शिक्षा वर्ग (द्वितीय वर्ष) के समारोप कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिण्डौन के उद्योगपति हरीमोहन बरनाला तथा मुख्यवक्ता संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख स्वांतरंजन रहेंगे।
सीकर में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) का समापन भी 9 जून को होगा। रामलीला मैदान में आयोजित समारोप कार्यक्रम में पूज्य संत श्री श्री 108 श्री ओमदास जी महाराज (पीठाधीश्वर सांगलिया धूंणी, सीकर) के सानिध्य में मुख्य उद्बोधन स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संयोजक भगवतीप्रसाद शर्मा का होगा। मुख्य अतिथि के रूप में ले.ज. ( से.नि.) कमल कुमार रेप्सवाल आमंत्रित हैं।
इनके अतिरिक्त रक्तांचल पर्वत की तलहटी में स्थित जालंधर नाथ जी की तपोस्थली धार्मिक नगरी निवाई में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) का समापन कार्यक्रम प्रताप स्टेडियम निवाई में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में श्री श्री 1008 श्री बालकानंद जी महाराज (अद्वैत आश्रम हरभावंता, निवाई) के पावन सानिध्य में राजस्थान क्षेत्र, क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह का उद्बोधन होगा। जिला परिषद टोंक के वरिष्ठ लेखाधिकारी शंकरलाल हाथीवाल मुख्य अतिथि व स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. रीना मंगल विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित हैं।
अनुशासन व सेवा कार्यों के प्रशिक्षण के लिए जाने जाते हैं संघ शिक्षा वर्ग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित ये संघ शिक्षा वर्ग अपने अनुशासन व सेवा कार्यों के प्रशिक्षण के लिए जाने जाते हैं। समाज के हर वर्ग से आए शिक्षार्थी इन 20 दिनों में अनुशासन, आज्ञा व समय पालन जैसे गुणों का विकास कर एक अच्छा कार्यकर्ता बनने का सबक सीखते हैं। शिविर में वे मोबाइल व सोशल मीडिया से दूर रहकर अपने शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक व व्यावहारिक क्षमता के विकास पर केंद्रित रहते हैं। प्रशिक्षण शिविर में शिक्षार्थी सुबह 4 बजे से रात 10.30 बजे तक की व्यस्त दिनचर्या में भीषण गर्मी के बावजूद पूरे मनोयोग से संघ की रीति नीति व कार्य पद्धति के बारे प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।