भक्ति व शक्ति के प्रतीक थे संत कंवरराम – महेंद्र कुमार तीर्थाणी

भक्ति व शक्ति के प्रतीक थे संत कंवरराम - महेंद्र कुमार तीर्थाणी

भक्ति व शक्ति के प्रतीक थे संत कंवरराम - महेंद्र कुमार तीर्थाणी

  • संत कंवरराम की 81वीं बरसी पर आॅनलनाइन प्रतियोगिता सम्पन्न

अजमेर, 1 नवम्बर। अमर शहीद संत कंवरराम भक्ति व शक्ति के प्रतीक हैं। अपनी भक्ति से सभी को जोड़कर गुरू की सेवा करना और श्रेष्ठ कर्म के लिये देश दुनिया में पहचान बनाकर अमर होने वाले संत कंवरराम हैं। ऐसे विचार भारतीय सिन्धु सभा महानगर अजमेर की ओर से अमर शहीद संत कंवरराम की 81वीं बरसी उत्सव पर विद्यार्थियों और युवाओं के लिये आॅनलाइन प्रतियोगिता के आयोजन पर विजेताओं को सम्मानित करते हुये राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने  प्रकट किये।

कार्यक्रम संयोजक कलाकार घनश्याम ठारवाणी भगत ने बताया कि संत कंवरराम के जीवन पर कहानी, गीत व भजन की आॅनलाइन प्रतियोगिता में अजमेर शहर के 5 से 15 वर्ष के बच्चों को सम्मिलित किया गया। प्रथम पुरस्कार स्वामी सर्वानन्द विद्यालय की वंशिका डालाणी व द्वितीय पुरस्कार महक रायसिंघाणी, तृतीय पुरस्कार सेंट पॉल स्कूल के रितेश तोतवाणी व सांत्वना पुरस्कार हरी सुन्दर विद्यालय की गुंजन किसवाणी को प्रदान किया गया। पुरस्कार में नकद राशि व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। महानगर मंत्री महेश टेकचंदाणी ने बताया कि निर्णायक मण्डल में श्रीमती रुक्मणी वतवाणी, प्रदेश मंत्री युवा मनीष ग्वलाणी, कोषाध्यक्ष कमलेश शर्मा व मनोज मेंघाणी थे।

अध्यक्ष नरेन्द्र बसराणी ने बताया कि संत कंवरराम 1 नवम्बर 1939 को शहीद हुये थे। सभा की ओर से देशभर में मोमबत्ती जलाकर दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजली अर्पित की गई।

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