सकारात्मक, रचनात्मक व तथ्यात्मक संवाद एवं प्रचार आज की आवश्यकता – महेंद्र सिंघल

सकारात्मक, रचनात्मक व तथ्यात्मक संवाद एवं प्रचार आज की आवश्यकता - महेंद्र सिंघल

सकारात्मक, रचनात्मक व तथ्यात्मक संवाद एवं प्रचार आज की आवश्यकता - महेंद्र सिंघल

  • विश्व संवाद केन्द्र चित्तौड़ प्रांत का स्थापना दिवस सम्पन्न

उदयपुर, 14 फरवरी। समाज में आज सकारात्मक, रचनात्मक और तथ्यात्मक संवाद के प्रेषण की आवश्यकता है। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख महेन्द्र सिंघल ने रविवार को यहां हिरण मगरी सेक्टर-4 स्थित विश्व संवाद केन्द्र में आयोजित संगोष्ठी में कही। विश्व संवाद केन्द्र चित्तौड़ प्रांत के 22वें स्थापना दिवस पर उन्होंने कहा कि आज प्रचार के विविध माध्यम हो गए हैं। इन माध्यमों का सदुपयोग होने के साथ साथ कई तत्व समाज को बांटने, संस्कृति को दूषित करने जैसे तथ्य भी प्रचारित कर रहे हैं। ऐसी सोच से मुकाबला करने का एकमात्र तरीका जागरूकता है। समाज जागरूक रहे और समाज व संस्कृति को नुकसान पहुंचाने वाले तथ्य प्रचारित करने वालों को सटीक और तथ्यपरक उत्तर प्रेषित करें, तब ऐसी विखंडनकारी शक्तियों को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विश्व संवाद केन्द्र का उद्देश्य भी यही है कि विभिन्न माध्यमों से राष्ट्र, समाज और संस्कृति को हानि पहुंचाने वाले तथ्यों पर सटीक और सकारात्मक विचार प्रेषित हों, जिससे समाज तक सही बात पहुंचे।

इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र उदयपुर के प्रभारी कमल प्रकाश रोहिला ने बीते वर्ष के कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए नागरिक पत्रकारिता पर गोष्ठी, सामाजिक सरोकार पर चर्चा, सोशल मीडिया कार्यशाला आदि कार्यक्रम किए गए।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में दो लघु फिल्में ‘अधीन’ तथा ‘मर्जी’ प्रदर्शित कर उनकी समीक्षा की गई, जिसमें विविध संगठनों से आए प्रचार प्रमुखों ने समाज में आ रही संवेदनहीनता, मूल्यों के पतन तथा भोगवादी संस्कृति को दर्शाने वाली कहानियों के प्रचार-प्रसार पर चिंता व्यक्त की। सभी ने कहा कि इससे सांस्कृतिक प्रदूषण बढ़ रहा है और पीढ़ियां प्रभावित हो रही हैं जो भविष्य के लिए घातक साबित होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग संघचालक हेमेंद्र श्रीमाली ने की। इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र समिति अध्यक्ष चंद्र शेखर चौबिसा भी उपस्थित रहे।

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