संस्कृत भारत के ज्ञान विज्ञान का विशाल भंडार- डॉ. मधुसूदन शर्मा
- संस्कृत भारती के भाषा बोधन वर्ग का हुआ समापन
बाराँ। संस्कृत भारती के तत्वावधान में शुक्रवार को विभाग स्तरीय संस्कृत भाषा बोधन वर्ग का समापन स्वामी विवेकानन्द विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर समारोह के मुख्य वक्ता संस्कृत भारती चित्तौड़ प्रांत के सह मंत्री डॉ. मधुसूदन शर्मा ने कहा कि संस्कृत जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमारे साथ है। संस्कृत भारतीय एकता की साधक है। यह ज्ञान विज्ञान का विशाल भंडार है। संस्कृत भारती एक लाख से अधिक संभाषण शिविरों के माध्यम से अनेक लोगों को संस्कृत संभाषण सिखा चुकी है। संस्कृत भारती 41 वर्षों से यह कार्य कर रही है। वर्तमान में 26 देशों में संस्कृत भारती का कार्य चल रहा है। कोई भी मात्र 20 घंटों में संस्कृत में वार्तालाप करना सीख सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काठियाबाबा आश्रम के आचार्य परमानंद महाराज ने कहा कि हमें संस्कृत सीखने के साथ उसके संभाषण के शुद्ध उच्चारण पर ध्यान देना चाहिए। संस्कृत जन-जन की भाषा बने, राष्ट्रभाषा बने, हमारा यह प्रयास होना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वैद्य डॉ. राधेश्याम गर्ग ने की। बारां विभाग संयोजक पीयूष गुप्ता ने वर्ग के प्रतिवेदन में बताया कि इस वर्ग में बारॉं और झालावाड़ जिले के 150 वर्गार्थियों और संस्कृत अनुरागियों ने भाग लिया। वर्ग के छात्र संपतराज और छात्रा योगेश्वरी ने अनुभव कथन प्रस्तुत किया। शिक्षिका वैष्णवी गौतम ने काव्य गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम संचालन प्रांत संपर्क प्रमुख तरुण मित्तल ने किया। इस अवसर पर बारॉं जिला अध्यक्ष बृजेश शास्त्री ने भी संस्कृत भारती के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वर्ग सह संयोजक मुकेश सोनी ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा आगंतुक अतिथियों और भामाशाह को श्रीफल, दुपट्टा तथा संस्कृत भारती की पुस्तक वदतु संस्कृतम् भेंट की।
इस अवसर पर वर्ग संयोजक ताराशंकर पंचोली, मुकेश नामा, महेंद्र नागर, सुरेश सुमन, पवन पाटीदार, विनायक तिवारी, अनंत गौतम, दुर्गाशंकर मेघवाल, दीनदयाल नागर, मोहित गोयल, दीपक सुमन, डॉ. वीरेश बेरीवाल, डॉ. बीएस कुशवाह, डॉ. सत्येंद्र गोयल, हरिमोहन गोयल, नंदलाल सुमन, राजेंद्र श्रृंगी, आत्माराम गुर्जर, बालचंद शास्त्री, पूजा मित्तल, रेखा गौतम,सोनल सोनी तेजपाल सुमन,दीपक सुमन,महेश, अनीता सुमन, रामावतार चौरसिया, सरोज नामा, पूरण चौरसिया, भेरूलाल राठौर, रोहित सुमन आदि समाजसेवी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के पूजन से हुआ। इस अवसर पर तनविशा और कृतिका ने ध्येय मंत्र और सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। शांति मंत्र के साथ समारोह का समापन हुआ। कार्यक्रम के अंत में सभी ने स्नेह भोज किया।