समाज को मतिभ्रम से मुक्त करने के लिए हो पत्रकारिता- डॉ. रतन शारदा

समाज को मतिभ्रम से मुक्त करने के लिए हो पत्रकारिता- डॉ. रतन शारदा

समाज को मतिभ्रम से मुक्त करने के लिए हो पत्रकारिता- डॉ. रतन शारदासमाज को मतिभ्रम से मुक्त करने के लिए हो पत्रकारिता- डॉ. रतन शारदा

आज भारतीय समाज के सामने कई प्रकार के भ्रम उत्पन्न होते हुए दिखाई देते हैं। वामपंथी विचार से पोषित विचारकों ने छद्म रूप में शिक्षा और पत्रकारिता के स्रोतों पर इस प्रकार का अधिकार प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। जिसके कारण वे समाज में अहितकारी और फेक नैरेटिव को स्थापित करवाने में सफल होते दिखते हैं। समलैंगिकता के लिए भारत में आंदोलन खड़ा करना, ऑपरेशन करवा कर अपना लिंग बदलना, स्त्री-पुरुषों के लिए समान टॉयलेट्स की मांग, जातिवादी जहर को संस्थानों में घोलना इसके कुछ उदाहरण हैं। ये विचार रविवार को फायसागर रोड अजमेर स्थित हंस पैराडाइज समारोह स्थल में विश्व संवाद केंद्र चित्तौड़ प्रांत, अजमेर चैप्टर द्वारा आयोजित देवर्षि नारद पत्रकार सम्मान समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध लेखक एवं टीवी पैनलिस्ट डॉ. रतन शारदा ने व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के प्रति घृणा से भरे लोग भारत के हित की बात उठाने वालों के विरुद्ध कैंसल नेरेटिव चलाते हैं, फिर चाहे वह कोई फिल्म बनाने वाला हो, पुस्तक लिखने वाला हो या पत्रकार हो। ऐसे समय में पत्रकारिता जगत से यह अपेक्षा है कि वो समाज को मतिभ्रम का शिकार न होने दे और भ्रमित होते समाज का भ्रम नष्ट कर महर्षि नारद की भांति लोकहित स्थापित करे।

इससे पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र के प्रचार प्रमुख महेंद्र सिंघल ने देवर्षि नारद पत्रकार समारोह की प्रासंगिकता बताते हुए कहा कि महर्षि नारद पत्रकारिता जगत के सबसे बड़े प्रतिमान हैं। उनके मुख से निकले प्रत्येक संवाद ने किसी न किसी घटना को जन्म दिया। जिसका परिणाम लोकहित ही हुआ है। उन्होंने कहा की जिस प्रकार आद्य पत्रकार के रूप में देवर्षि नारद की स्वीकार्यता और सम्मान तीनों लोकों में एक समान रूप से था, वह संपूर्ण विश्व की पत्रकारिता को दिशा देती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रमेश अग्रवाल ने कहा कि आज पत्रकारों को स्वयं को मर्यादा और संस्कारों की कसौटी पर कसकर रखे जाने की आवश्यकता है, तभी समाज में उसकी बात का प्रभाव हो सकेगा। बात क्या कही गई, उससे अधिक महत्व इसका हो गया है कि कौन कह रहा है। इसलिए पत्रकार जगत में काम करने वाले सभी बंधुओं को अपने चरित्र को भी समाज के सामने स्पष्ट रखने की आवश्यकता है।

इनका हुआ सम्मान
नारद विभूषण :- गिरीश दाधीच (उत्कृष्ट पत्रकारिता)
नारद भूषण :- जय माखीजा (फोटोग्राफर), वरुण भट्ट बांसवाड़ा (डेस्क वर्क), मनोज कुमार व्यास उदयपुर (सोशल मीडिया)

अजमेर चैप्टर के सचिव निरंजन शर्मा ने प्रस्तावना और परिचय करवाया। वहीं अध्यक्ष एसपी मित्तल ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पत्रकार जगत के अतिरिक्त समाज के प्रबुद्ध जन एवं पत्रकार परिवारजन भी उपस्थित थे।

अजमेर में नारद सम्मान से पत्रकारों को सम्मानित किया गया

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