समाज व साहित्य एक दूसरे के पूरक- शर्मा

समाज व साहित्य एक दूसरे के पूरक- शर्मा

समाज व साहित्य एक दूसरे के पूरक- शर्मासमाज व साहित्य एक दूसरे के पूरक- शर्मा

बारां, 31 जनवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार विभाग की योजना से रविवार को बारां में एक दिवसीय सद साहित्य विक्रय दिवस का आयोजन किया गया। प्रचार विभाग के कार्यकर्ता महेंद्र पंचोली व मोनू पंकज ने जानकारी देते हुए बताया कि सद साहित्य विक्रय दिवस के अवसर पर साहित्य विक्रय के लिए प्रताप चौक पर स्टॉल लगाई गई तथा चौराहों पर स्वयंसेवकों ने सद साहित्य का विक्रय किया, जिसे लोगों ने बड़े चाव से खरीदा। उन्होंने बताया कि संघ के प्रचार विभाग की योजना से साहित्य का विक्रय वर्ष भर होता है, किंतु वर्ष में एक दिन सद साहित्य विक्रय दिवस अभियान के रूप में मनाया जाता है।

रविवार को जिले के समस्त खंड इकाइयों पर सद साहित्य विक्रय दिवस आयोजित हुआ, जिसमें पांच प्रकार की पुस्तकें महान प्रेरक बलिदान, हलाल प्रमाण, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, षड्यंत्र भारत विभाजन का एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण नामक पुस्तकें स्वयंसेवकों द्वारा वितरित की गईं तथा लोगों को साहित्य की जानकारी दी गई। इस अवसर पर संघ के विभाग प्रचार प्रमुख राजेंद्र कुमार शर्मा ने साहित्य की उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज व साहित्य एक दूसरे के पूरक रहे हैं। सद साहित्य के माध्यम से आम जनमानस अपनी संस्कृति परंपराओं व महापुरुषों के अनमोल राष्ट्रीय विचारों से अवगत होता है। साहित्य समाज का दर्पण होता है, जो समय-समय पर समाज व परिवार का मार्गदर्शन करता है। सद साहित्य विक्रय का उद्देश्य अर्थ उपार्जन नहीं बल्कि अच्छे विचारों का समाज में प्रसार करना है। सद साहित्य समाज की वैचारिक गरीबी को दूर कर बौद्धिक क्षमता को मजबूत बनाता है।

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