सम्मेद शिखर की पवित्रता बनी रहेगी, सरकार ने मानीं जैन समाज की सभी मांगें

सम्मेद शिखर की पवित्रता बनी रहेगी, सरकार ने मानीं जैन समाज की सभी मांगें

सम्मेद शिखर की पवित्रता बनी रहेगी, सरकार ने मानीं जैन समाज की सभी मांगेंसम्मेद शिखर की पवित्रता बनी रहेगी, सरकार ने मानीं जैन समाज की सभी मांगें

नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने श्री सम्मेद शिखर जी की पवित्रता बनाए रखने के लिए झारखंड सरकार को पर्यटन और ईको टूरिज्म की गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरु‍वार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस संबंध में जानकारी साझा की। इससे पूर्व उन्होंने नई दिल्ली में जैन समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। प्रतिनिधियों ने झारखंड की पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित श्री सम्मेद शिखर जी की पवित्रता बरकरार रखने का आग्रह किया। उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार जैन समाज के सभी तीर्थस्थलों का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पारसनाथ पर्वत मामले को लेकर केंद्र ने एक समिति बनाई है। आदेश में कहा गया कि राज्य सरकार, इस समिति में जैन समुदाय से दो सदस्यों को शामिल करे। साथ ही स्थानीय जनजातीय समुदाय से एक सदस्य भी शामिल हो। वहीं 2019 की अधिसूचना के खंड 3 के प्रावधानों पर तत्काल रोक लगाते हुए पर्यटन और इको टूरिज्म से जुड़ी सभी गतिविधियों को तुरन्त बंद किया जाए। निर्णय के लिए जैन समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। साथ ही उनका आंदोलन भी खत्म हो गया है।

केन्द्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी कहा कि केन्द्र सरकार जैन समुदाय के साथ-साथ हर समुदाय की भावनाओं का पूरा सम्मान करती है। केन्द्र सरकार पवित्र स्थान को बचाने का पूरा प्रयास करेगी। इस विषय पर राज्य के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी गई है। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भी चिट्ठी लिखी गई है। श्री सम्मेद शिखर जी की पवित्रता नष्ट होने नहीं दी जाएगी।

अपने एक वक्तव्य में मुनिश्री प्रमाणसागर जी महाराज ने कहा कि सुखद सूचना प्राप्त हुई है, जैन समाज की भावनाओं के अनुरूप केंद्र सरकार ने नई अधिसूचना जारी की है। श्री सम्मेद शिखर जी पर मादक पदार्थों एवं नॉनवेज का उपभोग प्रतिबंधित रहेगा। जैन समाज की सभी मांगों को सरकार ने मान लिया है। नई अधिसूचना में श्री सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल की पवित्रता के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता दोहराई गई है। अब आंदोलन की कोई आवश्यकता नहीं है।

उल्लेखनीय है कि 2 अगस्त, 2019 को केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा पारसनाथ पहाड़ी क्षेत्र के एक हिस्से को ‘वन्य जीव अभ्यारण्य और पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसेटिव ज़ोन) घोषित किया गया था। इसके बाद 2 जुलाई 2022 को झारखंड सरकार ने इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा कर दी। ‘सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल बनाने के निर्णय का विरोध कर रहे जैन समाज के लोगों से मुख्यमंत्री के सचिव और राज्य पर्यटन सचिव ने पिछले दिनों वार्ता भी की, जिसमें उक्त विवाद के संदर्भ में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी थी।

Share on

2 thoughts on “सम्मेद शिखर की पवित्रता बनी रहेगी, सरकार ने मानीं जैन समाज की सभी मांगें

  1. जैन समाज के साथ पूरा देश कन्धे से कंधा मिला कर खड़ा

  2. जैन हिंदु धर्म का एक अभिन्न अंग है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *