होली के लिए नहीं, यह शब-ए-बरात की छूट, सरकार का मुस्लिम प्रेम एक बार फिर छलका
जयपुर, 28 मार्च। राजस्थान में गहलोत सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्ती का फैसला लिया था, लेकिन इसमें मुस्लिम प्रेम आड़े आ गया। अब गृह विभाग ने 28 और 29 मार्च को शाम 4 से रात 10 बजे तक सार्वजनिक कार्यक्रम करने की अनुमति दी है। यह अनुमति हिंदुओं के लिए तो काम की नहीं है क्योंकि धुलंडी तो सुबह से दोपहर 2-3 बजे तक खेली जाती है। रंग- गुलाल लगाने का रिवाज दोपहर तक है। शाम के समय मुसलमान समुदाय के लोग मस्जिदों में इबादत कर सकते हैं। कब्रिस्तान जाकर कब्रों पर फातिहा पढ़ सकते हैं। सरकार के इस शाम 4 बजे से रात 10 बजे की छूट के फैसले का होली मनाने वालों पर तो पाबंदी ही रहेगी। सेकुलर सरकार से उम्मीद ही क्या की जा सकती है। यहां रीट की परीक्षा महावीर जयंती के दिन आयोजित की जा रही है। दिनांक में बदलाव के लिए प्रदर्शन से लेकर भूख हड़ताल हो रही है। लेकिन इस सेकुलर सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
हिंदुओं की आस्था पर प्रहार
राज्य सरकार ने जो छूट दी है यह होली खेलने वालों की आस्था पर हमला है क्योंकि धुलंडी पर लोग सुबह से दोपहर तक ही रंग और गुलाल से होली खेलते हैं। लेकिन सरकार के आदेश के बाद सामूहिक रूप से होली खेलने पर पाबंदी रहेगी। शब- ए- बारात के लिए शाम को लोग बाहर निकल सकते हैं।
कोरोना के बढ़ते मामलों पर सरकार के साथ आम आदमी भी परेशान है। जब लॉकडाउन हुआ उस समय देश की जनता ने ही एकजुटता दिखाई। लेकिन सरकार में बैठे लोगों को हिंदू त्यौहारों पर पाबंदी लगानी है। जब प्रदेश में पंचायती राज के चुनाव हुए उस समय कोरोना कहां गया। सरकार ने निकायों के चुनाव कराए, अभी मामले बढ़ रहे हैं, इस मौके पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं। राजनीति दल रैलियां करते हैं। लेकिन कोरोना का खतरा शायद उसमें नहीं रहता है।
कोरोना के खतरे से सभी सतर्क
बीते दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। गुरुवार को प्रदेश में 700 से ज्यादा केस मिले। बढ़ती कोरोना केस की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने जयपुर समेत 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाया था। दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए RTPCR की निगेटिव रिपोर्ट लाना भी अनिवार्य किया है।