सेवा संगम: राजस्थानी संस्कृति के रंग में रंगा है भगिनी निवेदिता नगर
सेवा संगम: राजस्थानी संस्कृति के रंग में रंगा है भगिनी निवेदिता नगर
जयपुर, 8 अप्रैल। देशभर से सेवा के संकल्प के साथ जयपुर सेवा संगम में आए सेवा कार्यकर्ताओं में महिलाएं भी अग्रणी हैं। यहॉं मातृशक्ति के लिए एक पूरा परिसर समर्पित है, जिसे भगिनी निवेदिता नगर नाम दिया गया है। विशेष बात यह है कि यहां की सभी व्यवस्थाओं का प्रबंधन भी मातृशक्ति के हाथों में ही है। प्रतिभागियों को यहां राजस्थानी संस्कृति की अनुभूति भी हो रही है। पहले ही दिन 6 अप्रैल को जब प्रतिभागी यहां पहुंचे तो उनके हाथों में मेहंदी रचाई गई। मेहंदी लगाने का कार्य सेवा बस्ती की सेवा भारती द्वारा प्रशिक्षित किशोरियों ने किया। अगले दिन 7 अप्रैल को गणगौर का उत्सव प्रतीकात्मक रूप से मनाया गया।
सेवा भारती के सेवा संगम में देश भर से 485 महिलाएं पहुंची हैं, जिन्हें भगिनी निवेदिता नगर में ठहराया गया है। इस परिसर की व्यवस्थाएं 60 महिला कार्यकर्ता संभाल रही हैं। इन व्यवस्थाओं में पेयजल, स्वच्छता, भोजन वितरण, कार्यालय, पार्किंग, पूछताछ, पंजीकरण, खोया-पाया, कक्ष आवंटन आदि शामिल हैं। सुरक्षा व्यवस्था भी मातृशक्ति के जिम्मे है। सुबह जागरण से लेकर रात्रि विश्राम तक की दिनचर्या की पालना कराने का कार्य भी वे बड़े ही अनुशासन के साथ संभाल रही हैं। यहां प्रबंधन में शामिल महिलाओं ने हर दिन का परिधान तय कर रखा है, जो राजस्थानी संस्कृति को परिलक्षित करता है। इसी के अंतर्गत सात अप्रैल को चूंदड़ी, आठ अप्रैल को लहरिया रखा गया। इसी तरह, 9 अप्रैल के लिए गुलाबी रंग का परिधान निर्धारित है।
पूरे देश से आई मातृशक्ति को राजस्थानी संस्कृति के इंद्रधनुषी रंगों से भिगोने के लिए 7 अप्रैल को प्रातः गणगौर का प्रतीकात्मक उत्सव भी रखा गया था। जब ढोल के साथ गणगौर माता की सवारी निकाली गई, तब देश भर से आईं महिला प्रतिभागियों ने भी श्रद्धा और उत्साह के साथ इसमें भाग लिया।
व्यवस्था संभाल रहीं सुमन बंसल कहती हैं- देशभर के 45 प्रांतों से बहनें सेवा संगम में आई हैं। राजस्थान की संस्कृति को वे समझें इसी उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
सभी को भा रहा आठ प्रकार के स्वाद वाला पेयजल
भगिनी निवेदिता नगर में आठ प्रकार के स्वाद वाले पेयजल को भी सभी ने पसंद किया। इनमें सौंफ, पुदीना, जीरा, केरी, हींग, जलजीरा, अजवाइन, इलायची का स्वाद शामिल किया गया।