गऊ माता का हिस्सा गऊ माता की झोली में ही डाले गहलोत सरकार – विहिप
- गोवंश के लिए स्टाम्प ड्यूटी पर सेस के माध्यम से मिल रही राशि गोवंश पर ही खर्च हो
- राजस्थान आजीविका विकास परिषद के अंतर्गत गांवों में खोली जा रही मांस की दुकानों को खोलने से रोका जाए
- प्रत्येक देशवासी की 10 रुपये की भागीदारी से बनेगा भगवान श्रीराम का मंदिर
उदयपुर, 30 सितम्बर। राजस्थान में गोवंश के लिए स्टाम्प ड्यूटी पर सेस के माध्यम से मिल रही राशि को सूखा, बाढ़, महामारी, लोक स्वास्थ्य आदि प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के शमन में उपयोग करने पर भी विश्व हिन्दू परिषद ने कड़ा रोष जाहिर किया है और गहलोत सरकार से गऊ माता के हिस्से को गऊ माता के हिस्से में ही रखने का आग्रह किया है। साथ ही मनरेगा के कार्यों में गोशाला के कार्य तथा किसानों के कृषि कार्य जोड़ने की मांग के साथ राजस्थान आजीविका विकास परिषद के अंतर्गत गांवों में खोली जा रही मांस की दुकानों को तुरंत प्रभाव से रोकने की मांग की है।
विहिप के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने बुधवार को उदयपुर में बीएन कॉलेज के सामने स्थित विहिप कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि राज्य सरकार ने एक तरह से गऊ माता के मुंह से निवाला छीना है। इसी तरह गोशालाओं को अनुदान के लिए 200 गोवंश की बाध्यता को भी उन्होंने समाप्त किए जाने की मांग उठाई। गोशालाओं के बिजली बिलों में भी छूट समाप्त कर दी गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि गहलोत सरकार गोवंश का संरक्षण करना भी चाहती है या नहीं। उन्होंने गऊ माता के संरक्षण के लिए सरकार को शीघ्र ध्यान देने की मांग की।
पिछले दिनों डूंगरपुर में हुए उपद्रव पर भी उपाध्याय ने कहा कि मतांतरण के लिए इस क्षेत्र में सक्रिय चर्च और नक्सली विचारधारा के संगठन यहां के जनजाति युवाओं को भ्रमित करने का कृत्य कर रहे हैं। यह उपद्रव इसी की परिणति कहा जा सकता है। शताब्दियों से यहां मिलजुल कर रहने वाले आदिवासी और गैर आदिवासी समाज में विद्वेष पैदा किया जा रहा है। यहां के आदिवासी ने महाराणा प्रताप के साथ मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है, वहां सामाजिक विद्वेष कभी नहीं रहा, अब बाहरी लोग यहां आकर इस क्षेत्र को अस्थिर करने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
राम के मंदिर में हर घर से लेंगे सहयोग
उपाध्याय ने बताया कि अयोध्या में जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर प्रत्येक देशवासी के 10 रुपये के दान से बनेगा। इसके लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। प्रति परिवार भागीदारी 100 रुपये की रखी गई है ताकि भगवान श्रीराम के मंदिर में देश के हर नागरिक, हर परिवार, हर घर, हर समाज की भागीदारी हो और भारतीय संस्कृति और मजबूत हो। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम सभी के हैं और सभी भगवान राम के। ऐसे में उनके मंदिर में हर व्यक्ति का योगदान सुनिश्चित होना चाहिए और हर व्यक्ति के मन में ऐसी भावना है कि वह कुछ न कुछ प्रदान करे भले ही वह सेतु बंधन के समय गिलहरी द्वारा किए गए योगदान की भांति सूक्ष्म ही क्यों न हो। इसी भावना के मद्देनजर विहिप हर समाज, हर परिवार तक पहुंचेगा।
मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के संदर्भ में वहां दाखिल हुई याचिका संबंधी सवाल पर उपाध्याय ने कहा कि इस याचिका से विश्व हिन्दू परिषद का कोई सम्बंध नहीं है। यह किसी व्यक्ति ने निजी तौर पर लगाई है, संगठन का इससे कोई संबंध नहीं है।