हम भी किसान हैं – तीन साक्षात्कार (व्यंग्य रचना)

हम भी किसान हैं - तीन साक्षात्कार (व्यंग्य रचना)

प्रो. अमिताभ श्रीवास्तव

हम भी किसान हैं - तीन साक्षात्कार (व्यंग्य रचना)

साक्षात्कार-1
बाॅलीवुड एक्ट्रेस: टिंका चोपड़ा

रिपोर्टर: अरे मैम आप ! बाॅलीवुड से आंदोलन में? …जहां न ले जाएं फेसबुक फाॅलोअर।
मिस टिंका: ओह नो! फ्रॉम द कोर ऑफ माय हार्ट आय एम अ फार्मर।
रिपोर्टर: ऑडियन्स के लिए तो हंड्रेड परसेंट आप परमार्फर हो। सेट पर हों या आंदोलन में। खैर गांव से अपने रिश्ते के बारे में बताएं।
मिस टिंका: आई कांट लिव विदआउट विलेज। इवन इन मुम्बई आय प्रिफर्ड टू लिव इन गोरेगांव, यू नो।
रिपोर्टर: क्या कनेक्शन है मैम। खैर!  जुड़ा कैसे यह रिश्ता?
मिस टिंका: बचपन में मैने स्टोरी सुनी थी, धर्मेन्द्र सर गांव से बाॅलीवुड आ गये और हीमैन बन गये। उसी दिन, साॅरी नाइट मैंने डिसाइड कर लिया, एक दिन मैं गांव जाकर विलेज का कर्ज लौटाऊंगी।
रिपोर्टर: डू यू नो एनी अदर फार्मर अदर दैन धरम पाजी?
मिस टिंका: मैनी.. (सोचते हुए)। बम चिक चिक राजा बाबू?
रिपोर्टर: यह तो आंदोलन है, जहां आप आयी हैं, गांव से कब जुड़ने जा जा रही हैं आप।
मिस टिंका: यू नो, जब से मूवमेंट हो रहा है मैं डेली गूगल पर गांव देखती हूं।
रिपोर्टर: आंदोलन के बारे में क्या कहेंगी आप?
मिस टिंका: विलेज लाइफ वाज क्वाइट हैप्पी बिफोर द रिसेंट एक्ट्स। लाॅट आफ ग्रीनरी, झूला सांग्स। आई कैन शेयर द वीडियो व्हिच सेज – मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती। यू नो लाॅट ऑफ प्रॉस्पैरिटी बिफोर दीज सिली एक्ट्स। दीज विल किल अवर विलेजेज। गांव नहीं होंगे तो कहां से परदेस जाएंगे। करिश्मा मैम खटिया कैसे सरकाएंगी? शाहरुख सर सरसों के खेत में हाथ कैसे फैलाएंगे? डिजास्टर…कम्प्लीट डिजास्टर। मोदी जी! प्लीज वापस ले लो न एक्ट्स!

साक्षात्कार-2
नेता जी

रिपोर्टर: नेता जी, आप दिल्ली से आंदोलन में?
नेता जी: अरे जहां किसान, जहां खेत, जहां फसल वहां हम।
रिपोर्टर: वोट की फसल नेता जी?
नेता जी: अरे नहीं, हम भी किसान हैं, बाय हार्ट।
रिपोर्टर: सही कहा, कोई कुछ भी कहे, आप अपनी ही जोतते हैं? आपसे बढ़कर किसान कहॉं मिलेगा। पर विपक्ष तो …..।
नेता जी: अरे विपक्ष जाए घुइया के खेत में? नहीं….नहीं….खेत में हम जाएंगे। पंजाब में फसल बर्बाद हुई जा रही है?
रिपोर्टर: धान की या गेहूं की?
नेता जी: अरे! फर्क क्या पड़ता है। अरे, गेहूं वाला भी वोट देता है, धान वाला भी वोट देता है, दोनों वोट एक होता है, तो दोनों फसलों में अंतर कैसे?
रिपोर्टर: क्लियर करें नेता जी
नेता जी: सरकार धान और गेहूं को लड़ाना चाहती है। हमारी नजर में धान और गेहूं एक हैं। पंजाब से बंगाल तक किसान यही सोंचे तो समाज की सत्ता मिनट भर कुर्सी पर टिक न पाए। धान की तरह गेहूं बोया जाए, गेहूं की तरह धान बोया जाए। बंगाल से पंजाब तक एक हो जाए यही तो सत्ता नहीं चाहती। गेहूं और धान में अंतर बताना सत्ता की साजिश है।
रिपोर्टर: समझ गया, समझ गया। वैसे इस मौसम में आंदोलन पर क्या कहेंगे?
नेताजी: अभी अभी तो मौसम मेहरबान हुआ है। दो महीना किसी तरह से आंदोलन पर पाला न मारे। अगले चुनाव में वोट की फसल लहलहा जाए।

साक्षात्कार: 3
प्रो. धनानंद

रिपोर्टर: प्रो. धनानंद, क्लास छोड़ आंदोलन में?
प्रोेफेसर: क्लास ऑनलाइन चल रही है। ऑफलाइन हम आंदोलन में हैं।
रिपोर्टर: बड़ी कन्फ्यूजिंग लाइन है।
प्रोफेसर: हमारी सीधी सी लाइन है, ओरिजनली हम भी किसान हैं।
रिपोर्टर: आप कैसे, फ्लैट आप का शहर में? पत्नी बच्चे तक शहर में। पिताजी ओल्ड एज होम में। छुट्टी तक बिताने आप हिल स्टेशन जाते हो, गांव के आप कब से हो गये?
प्रोफेसर: हमारा खेत है, हम किसान हैं, अधिया पर दिया है?
रिपोर्टर: खेती मजदूर से कराते हैं तो असली किसान वो है? हद से हद आप जमींदार हैं, किसान कैसे हैं?
प्रोफेसर: पेपर पर हैं? पंजाब वाले भी तो बिहार के मजदूरों को बुलाकर खेती कराते हैं। वे किसान तो हम भी किसान।
रिपोर्टर: ओके… कागजी किसान! आप तो नोयडा में नोट काट रहे हैं, खेती कैसे चल रही है?
प्रोफेसर: अरे यार… ये मजूर… ये हमेशा पैदावार कम बताते हैं। बट एनी वे गांव की ग्रीनरी मस्त लगती है। लुक द वीडियो फाइल।
रिपोर्टर: महीना दो महीना में मार लिया कीजिये चक्कर अपने गांव में।
प्रोफेसर: यू नो, अनहाइजीनिक लाइफ स्टाइल। बच्चे एडजस्ट नहीं कर पाते, न बैटर हाफ। गांव की लाइफ कूल है, पर कूलर नहीं है। कमोड भी नहीं है। पता नहीं स्वच्छ भारत मिशन में मोदी जी ने कमोड क्यों नहीं लगवाए?
रिपोर्टर: आय अंडरस्टैंड। पर दिल में गांव के लिए इतना प्यार कहां से लाते हैं?
प्रोफेसर: शहर में फ्लैट बनाना मजबूरी है। लेकिन दिल हंडरेड एंड वन परसेंट किसान है। यू नो … डोमिनोज़ जाता हूं तो भी फार्म हाउस पिज्जा ही खाता हूं।
रिपोर्टर: सुना है आपके इलाके से एक्सप्रेस वे जा रहा है।
प्रोफेसर: यार, किस्मत संवर जाएगी। पर्सनली बता भाई, किस भाव निकलेंगे खेत?

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