64 – 54 करोड़ वर्ष पहले भारत ऑस्ट्रेलिया, कनाडा व रूस से जुड़ा हुआ था?

जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में मिले इडियाकारा युग के जीवाश्म

डॉ. शुचि चौहान

जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में मिले इडियाकारा युग के जीवाश्म

हाल ही एक खोज में जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में इडियाकारा युग के सबसे बड़े मांसल तश्तरीनुमा बहुकोशीय जीवों के जीवाश्म मिले हैं। जिनसे यह प्रमाणित होता है कि 63 – 54 करोड़ वर्ष पूर्व भारत ऑस्ट्रेलिया, कनाडा व रूस से जुड़ा हुआ था।

यह खोज जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के भू गर्भ विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य, डॉ. वीरेन्द्र सिंह परिहार ने की है, जो अक्टूबर 2019 में स्पेन के इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एस्टूडियोस जियोलॉजिकोस में प्रकाशित हो चुकी है।

जीवाश्म विज्ञानी डॉ. परिहार ने बताया कि जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र से विश्व के अभी तक के सबसे बड़े मांसल तश्तरीनुमा बहुकोशिकीय जीवों के जीवाश्म मिले हैं, जो 32 सेमी – 84 सेमी व्यास के हैं। इस तरह के जीव इडियाकारा युग में पाए जाते थे। ये सामान्यतया समुद्र तल के जेली फिश, सी- एनीमोन जैसे बहुकोशिकीय समुद्री जीव हैं, जो छिछले समुद्री वातावरण का प्रमाण देते हैं।  ये जीवाश्म जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र के बलुआ पत्थर की चट्टानों में मिले हैं।

उन्होंने बताया कि इस तरह के जीव विश्व के अन्य देशों जैसे दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, नॉर्वे, चीन, रूस, न्यूफाउण्डलैण्ड (कनाडा) और अमेरिका में भी मिलते हैं। जोधपुर में मिले जीवाश्मों की उनसे समानता से यह प्रमाणित होता है कि इस तरफ से यह भारतीय क्षेत्र 63 – 54 करोड़ वर्ष पूर्व दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया, न्यूफाउण्डलैण्ड (कनाडा) और रूस से जुड़ा हुआ था। जोधपुर में कभी समुद्र का छिछला किनारा था जो मध्यप्रदेश के विंध्यन समुद्र व हिमालय के कोरिडोर से होता हुआ साइबेरिया से जुड़ा हुआ था।

जीवाश्म विज्ञानी डॉ. वीरेन्द्र सिंह परिहार इससे पहले थार रेगिस्तान (राजस्थान) में मांसाहारी डायनोसोर के पैरों के निशानों के जीवाश्मों की खोज भी कर चुके हैं। इन खोजों के लिए वे दक्षिण अफ्रीका, केन्या, स्पेन और पुर्तगाल की यात्राएँ कर चुके हैं।

डॉ. परिहार का कहना है कि इडियाकारा युग के जीवाश्म मिलने से बहुकोशिकीय जीवन के विकास क्रम को समझने में मदद मिलेगी। यह खोज बहुकोशिकीय जीवों से वर्तमान समय में पाए जाने वाले जीवों के विकास क्रम को समझने में महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी।

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