जन्म से लेकर मृत्यु तक हम बंधे हैं ढाई अक्षर में
वीरमाराम ढाई अक्षर का वक्र, और ढाई अक्षर का तुंड। ढाई अक्षर की रिद्धि और…
कविताएं
वीरमाराम ढाई अक्षर का वक्र, और ढाई अक्षर का तुंड। ढाई अक्षर की रिद्धि और…
वीरमाराम पटेल लक्ष्मी की ललकार से मिली थी आजादी, तात्या की तलवार से मिली थी…
शुभम वैष्णव मां को मां ना लिखूं तो क्या लिखूं मां को जिंदगी ना लिखूं…
वीरमाराम पटेल राष्ट्र के लिए उतने ही राम हैं जितने शरीर के लिए प्राण हैं।…
चंदन शर्मा प्रतिक्षण विषपान को तत्पर जो, कष्टों के घट को मथकर जो, कंटक की…
मीनू गेरा भसीन अपरिहार्य है मृत्यु भला उससे क्या डरना हर हाल में हों अच्छे…
वीरमाराम पटेल सुनो चीन अब यह वो भारत नहीं जो सफेद कपोत उड़ाता था, तेरे…
श्रुति वो वीरभूमि का सेवक था जो सेना का अभिमान बना वो न्यौछावर कर प्राण…
अरविन्द बैरवा कर-कर कोशिशें लाख हजार, फिर भी दाने चुगता चार। किससे कहूँ कि मैं…
भानुजा श्रुति आघातों का दंश झेल कर व्यक्ति सफल हो जाता है जीवन से जो…
संचालिका जब सीता भी कंचन की चेरी बन जाए बोलो अग्नि परीक्षा देने कौन चलेगा?…
भानुजा श्रुति जन्मी एक कृषक के घर वो, मंको जी अहमदनगर करते शिवभक्ति वो दिन…
चंदन शर्मा क्या सतयुग क्या कलयुग की तुम बातें मानव करते हो सत्य अहिंसा मानवता…
सूरजभान सिंह मैं वीरप्रसूता शस्य श्यामला भारत माता हूँ, मातृभूमि के दीवानों के बलिदानों की…
– यश शर्मा माँ से किए कई वादे भी तो हैं उस से जुड़ी कई…
– स्वरूप जैन ‘जुगनू’ हास्य रस का ज्ञान नहीं है, ना ही श्रृंगार सजाता हूँ…
माँ बचपन के होठों पर थिरकती मुस्कान है। माँ परमात्मा से बच्चे की पहली पहचान…
तड़के उठकर विचरण करने जाता हूं तो पाता हूं कि मानव गण सोया है मगर…