ख़ामोशी में शोर गूंजता, महफ़िल में तन्हाई है (कविता)
दीपक आजाद ख़ामोशी में शोर गूंजता, महफ़िल में तन्हाई है आज़ादी के जश्न में यारो…
कविताएं
दीपक आजाद ख़ामोशी में शोर गूंजता, महफ़िल में तन्हाई है आज़ादी के जश्न में यारो…
शुभम वैष्णव टूट जाऊं मैं कभी तो यह बात परिंदों से कह देना, अभी हिसाब…
वीरमाराम पटेल केवल भाषा नहीं मॉं भारती के शृंगार की बिंदी हूं, पूरे देश को…
सेवा निवृत कर्नल विवेक प्रकाश सिंह बल भुजाओं में है तो मंगल सभी उद्भाव होंगे,…
श्रुति आहत देश सहमता जीवन व्यापक हुई यहां महामारी याद आ गई हैं मुझको तो…
डॉ. सीमा दायमा निज स्वार्थ हेतु मति मलिन पुरुषार्थ घायल हुआ पाशविकता ने सीमा लांघी…
वीरमाराम ढाई अक्षर का वक्र, और ढाई अक्षर का तुंड। ढाई अक्षर की रिद्धि और…
वीरमाराम पटेल लक्ष्मी की ललकार से मिली थी आजादी, तात्या की तलवार से मिली थी…
शुभम वैष्णव मां को मां ना लिखूं तो क्या लिखूं मां को जिंदगी ना लिखूं…
वीरमाराम पटेल राष्ट्र के लिए उतने ही राम हैं जितने शरीर के लिए प्राण हैं।…
चंदन शर्मा प्रतिक्षण विषपान को तत्पर जो, कष्टों के घट को मथकर जो, कंटक की…
मीनू गेरा भसीन अपरिहार्य है मृत्यु भला उससे क्या डरना हर हाल में हों अच्छे…
वीरमाराम पटेल सुनो चीन अब यह वो भारत नहीं जो सफेद कपोत उड़ाता था, तेरे…
श्रुति वो वीरभूमि का सेवक था जो सेना का अभिमान बना वो न्यौछावर कर प्राण…
अरविन्द बैरवा कर-कर कोशिशें लाख हजार, फिर भी दाने चुगता चार। किससे कहूँ कि मैं…
भानुजा श्रुति आघातों का दंश झेल कर व्यक्ति सफल हो जाता है जीवन से जो…
संचालिका जब सीता भी कंचन की चेरी बन जाए बोलो अग्नि परीक्षा देने कौन चलेगा?…
भानुजा श्रुति जन्मी एक कृषक के घर वो, मंको जी अहमदनगर करते शिवभक्ति वो दिन…