पंचांग एवं सुविचार

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सुविचार

वनेऽपि सिंह: मृगमांसभक्षिणो बुभुक्षिता नैव तृणं चरन्ति।
एवं कुलीन: व्यसनाभिभूता न नीचकर्माणि समाचरन्ति॥
अर्थात्
जंगल में मांस खाने वाले शेर भूख लगने पर भी जिस तरह घास नहीं खाते, उसी तरह कुलीन व्यक्ति संकट काल में भी नीच काम नहीं करते।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।

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