द्वितीय सरसंघचालक

संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी के संकलित विचार : अपनी मातृभूमि की सीमाएँ

(2) हमारी मातृभूमि की सीमाएं हिमालय उत्तर, दक्षिण, पूर्व तथा पश्चिम में फैली अपनी शाखा-प्रशाखाओं…