मठ

भारतीय सांस्कृतिक एकता के प्रतीक आदिगुरु शंकराचार्य

शुभांगी उपाध्याय भारतीय सांस्कृतिक एकता के प्रतीक आदिगुरु शंकराचार्य ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापरः॥…

उपासना, कला, साहित्य व समरसता का केन्द्र है असम का माजुली नदी द्वीप व यहॉं की सत्र परम्परा

रामस्वरूप अग्रवाल भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में सत्र परम्परा तथा इन सत्रों के माध्यम…

आदि गुरु शंकराचार्य, जिन्होंने भारतवर्ष को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोया

शुभांगी उपाध्याय ” ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापरः” ब्रह्म ही सत्य है, जगत मिथ्या…

आद्य शंकराचार्य : जिनके कालजयी दर्शन को कालगणना की शताब्दियां भी बांध न सकेंगी

 डॉ. शुचि चौहान आत्मा ही एकमात्र सत्य है और वही चैतन्य, परिमाण रहित, निर्गुण और…