क्यों लाऊं अंग्रेजी नव वर्ष स्वीकृति में, जब नहीं है यह हमारी संस्कृति में

क्यों लाऊं अंग्रेजी नव वर्ष स्वीकृति में, जब नहीं है यह हमारी संस्कृति में

मोनिका

क्यों लाऊं अंग्रेजी नव वर्ष स्वीकृति में, जब नहीं है यह हमारी संस्कृति में

क्यों लाऊं अंग्रेजी नव वर्ष स्वीकृति में

जब नहीं है यह हमारी संस्कृति में

क्यों लाऊं मैं इसे व्यवहार में

जब यह रीत नहीं है सम्मिलित मेरे हिंदू त्योहार में।

चलना नहीं मुझे भेड़ चाल

नहीं करनी किसी की नकल

इंतजार है चैत्र मास नववर्ष का

जब लहलहा रही होगी फसल।

कर लो ज़रा सी प्रतीक्षा

फाल्गुन के रंग बिखरने की

तब सिर्फ गाल ही नहीं

 रंगीन होंगे हृदय भी

चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि को मनाना नव वर्ष

तब प्रकृति भी हमारी संगी होगी।

मैं नहीं करूंगी स्वीकार इस नव वर्ष को

जो मेरी संस्कृति में नहीं

क्यों मनाऊं यह रीत

जब यह मेरे त्योहारों में सम्मिलित नहीं।

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