साड़ी पहने महिला के अपमान के विरुद्ध अभाविप की कार्यकर्ताओं ने अकीला के बाहर किया प्रदर्शन

साड़ी पहने महिला के अपमान के विरुद्ध अभाविप की कार्यकर्ताओं ने अकीला के बाहर किया प्रदर्शन

साड़ी पहने महिला के अपमान के विरुद्ध अभाविप की कार्यकर्ताओं ने अकीला के बाहर किया प्रदर्शन

नई दिल्ली। कल (23 सितम्बर) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के अकीला रेस्टोरेंट के सामने प्रदर्शन किया। वे साड़ी में थीं और साड़ी पहनकर गई महिला को अंदर जाने से रोकने के विरोध में वहॉं पहुंची थीं।

ज्ञात हो कि 19 सितंबर, 2021 को दिल्ली के खेल गाँव स्थित अकीला रेस्टोरेंट ने एक महिला को साड़ी पहनकर आने के कारण अपने परिसर के भीतर आने की अनुमति नहीं दी  थी। महिला को रेस्टोरेंट में उपस्थित एक कर्मचारी ने प्रवेश से मना करते हुए कहा कि हमारे यहॉं केवल ‘स्मार्ट कैज़ुअल्स’ में ही प्रवेश मिलता है और साड़ी उसमें नहीं आती। यह भारतीय परिधान को विदेशी पोशाकों के सामने कम आँकने के साथ-साथ भारतीय परंपरा का भी सीधा सीधा अपमान है, जिसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छात्रा कार्यकर्ताओं ने आज भारतीय परिधान साड़ी पहनकर रेस्टोरेंट में जा कर प्रदर्शन किया।

अभाविप की प्रांत छात्रा प्रमुख वैलेंटीना भ्रम्मा ने कहा “बीते दिनों भारत की राजधानी दिल्ली के अकीला रेस्टोरेंट में एक महिला को अंदर जाने से सिर्फ इसीलिये रोका गया कि उसने साड़ी पहन रखी थी। यह बहुत ही निंदनीय है तथा अभाविप इस घटना का पुरजोर विरोध करती है एवं साथ ही साथ सरकार से ऐसे रेस्टोरेंट्स के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग करती है जो किसी भी प्रकार से भारतीय संस्कृति, भारतीय परिधान का अपमान करते हों। हमने आज भारतीय परिधान में रेस्टोरेंट में प्रवेश किया और उनकी सोच को तोड़ने का काम किया।”

प्रदर्शन के दौरान उपस्थित अभाविप दिल्ली के प्रांत मंत्री एवं राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सिद्धार्थ यादव ने कहा कि, “भारत स्वाधीनता के 75वें वर्ष में है, परंतु आज भी कुछ लोगों की सोच ग़ुलाम है। हमारी लड़ाई इस ग़ुलाम ‘औपनिवेशिक  मानसिकता’ को हराने की है। साड़ी एक महिला की शान है। देश की राजधानी में ऐसी घटना निंदनीय है। हम देश के सभी प्रगतिशील विचार के लोगों की आवाज़ बनकर ऐसी संकुचित मानसिकता के लोगों को संदेश देने में सफल हुए हैं।”

प्रदर्शन के बाद रेस्टोरेंट के मैनेजर द्वारा माफी मांगी गई तथा आगे ऐसी कोई भी घटना जो भारतीय संस्कृति को क्षिप्त या अपमानित करती हो, को ना करने का आश्वासन भी दिया।

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