अलवर : 300 साल पुराने मंदिरों पर चला बुलडोजर
अलवर : 300 साल पुराने मंदिरों पर चला बुलडोजर
जयपुर, 23 अप्रैल। प्रशासन ने मास्टर प्लान के नाम पर अलवर के राजगढ़ में लगभग 300 साल पुराने तीन मंदिरों को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया। कार्रवाई से गुस्साए लोगों ने इसके विरोध में नगर पालिका के ईओ, एसडीएम और राजगढ़ विधायक के विरुद्ध थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए तहरीर दी है, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। अतिक्रमण के नाम पर मंदिरों को गिराए जाने के बाद राजनीति भी गर्मा गई है।
उल्लेखनीय है कि अलवर के राजगढ़ क्षेत्र में गौरव पथ निर्माण और मास्टर प्लान के नाम पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अंतर्गत ही लगभग 300 साल पुराने तीन मंदिरों, बड़ी संख्या में दुकानों और घरों को तोड़ने की कार्रवाई चल रही है। प्रशासन का कहना है कि मास्टर प्लान के अनुसार राजगढ़ में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। सालों से यहां बहुत ज्यादा अतिक्रमण हो गया था। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार यहां लगभग साठ फीट का रास्ता है, जो पच्चीस फीट भी नहीं बचा था। इस कारण जेसीबी से अतिक्रमण हटाया गया है। इधर नगर पालिका बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि यह कार्रवाई प्रशासन के स्तर पर की है, जबकि प्रशासन का कहना है कि नगर पालिका बोर्ड के स्तर पर प्रस्ताव पारित हुआ है। उसके बाद ही अतिक्रमण हटाया गया है।
देवी देवताओं की मूर्तियां खण्डित होने से लोगों में नाराजगी है, इसके विरोध में लामबंद हुए लोगों को पुलिस ने बलपूर्वक साइट से हटाया। हिंदू समाज ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। हिंदू समाज ने अपना विरोध प्रकट करते हुए राजगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा, एसडीएम केशव कुमार मीणा और नगर पालिका के ईओ बनवारी लाल मीणा पर षड्यंत्र का आरोप लगाया है।
इस पूरी कार्रवाई के विरोध में हिन्दू समाज ने थाने पहुंच कर रोष व्यक्त किया। बढ़ते विवाद को देखते पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वो असंतुष्टों से मिलकर उन्हें समझाने का प्रयास करेंगी।
अतिक्रमण के नाम पर मंदिरों को गिराए जाने के बाद सियासत भी गर्मा गई है। स्थानीय कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा ने कहा कि राजगढ़ कस्बे में अतिक्रमण हटा है। यहां की नगर पालिका में भाजपा का बोर्ड है। इस कारण वे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया। डोटासरा ने कहा कि 2018 में भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर यह अतिक्रमण हटाने की सिफारिश की थी। राजगढ़ में भाजपा का बोर्ड है। जिसके अध्यक्ष सतीश गुहारिया हैं। बोर्ड बैठक में यह अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पास किया गया था। उसके बाद ही यह अतिक्रमण हटाया गया है।
दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि विकास के नाम पर मंदिर को तोड़ना सही नहीं है। कांग्रेस बदले की राजनीति कर रही है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने राजगढ़ (अलवर) मंदिर मामले की तथ्यात्मक जांच के लिए पार्टी की पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, यह कमेटी मौके पर जाकर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर प्रदेशाध्यक्ष को सौंपेगी। कमेटी में सीकर सांसद सुमेधानंद, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक चंद्रकांता मेघवाल, राजेंद्र सिंह शेखावत, बृजकिशोर उपाध्याय और भवानी मीणा शामिल हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा है कि 300 वर्ष पुराना मंदिर अतिक्रमण कैसे हो सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान की जनता को बहुसंख्यक- अल्पसंख्यक, वोट बैंक-गैर वोट बैंक के चश्मे से देखते हैं। इस तरह पॉलिटिक्स को मुख्यमंत्री आगे बढ़ा रहे हैं।
भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अशोक गहलोत सरकार हिन्दू विरोधी है। कांग्रेस मंदिरों को तोड़कर हिन्दू आस्था पर चोट करती रहती है। अलवर के राजगढ़ में नगर प्रशासन ने विकास की आड़ में 300 साल पुराने मंदिर को ध्वस्त कर दिया। आखिर मुख्यमंत्री को हिन्दुओं व उनकी आस्था से इतनी चिढ़ क्यों है?