आओ, हम सब भारतवासी…
धर्मेन्द्र कुमार
आओ, हम सब भारतवासी…
आओ हम सब भारतवासी, चलें इस डगरिया।
पंच प्रणों से देश में लाएं,
इक नई उजरिया॥
आओ हम सब भारतवासी…
समरसता सद्भाव बढ़ाने, घर घर अलख जगानी है।
हिन्दू न कोई ऊंचा नीचा,
सभी सहोदर भाई हैं।
एक रहेंगे सेफ रहेंगे, समझें ये नजरिया॥
आओ हम सब भारतवासी…
पानी पर्वत पेड़ प्रकृति, पर्यावरण बचाएंगे।
सिंगल यूज प्लास्टिक को हम, कभी नहीं अपनाएंगे।
हरी भरी सुन्दर धरती कर, बढ़ाएं उमरिया॥
आओ हम सब भारतवासी…
‘स्व’ का भाव जगेगा भारत, विश्वगुरु बन जाएगा।
स्वावलम्बन से स्वदेश का, वैभव बढ़ता जाएगा।
मां भारती सरताज ओढ़े, स्वदेशी चुनरिया
आओ हम सब भारतवासी…
आधुनिकता के इस युग में, नैतिकता न होवे कम।
भाषा भूषा भवन भ्रमण में, संस्कार ना भूलें हम।
मिलजुल कर परिवार रहें जैसे फूलों की टोकरिया।।
आओ हम सब भारतवासी…
अनुशासन का पालन करने से परिवर्तन आएगा।
जन जन यह दायित्व समझकर अपना धर्म निभाएगा।
देश की नौका पार लगाएं, बनके खेवटिया॥
आओ हम सब भारतवासी…