आमागढ़ दुर्ग में धर्म ध्वजा फाड़ने का घटनाक्रम हिन्दू समाज को तोड़ने का षड्यन्त्र – विहिप
आमागढ़ दुर्ग पर भगवा ध्वज के अपमान और मूर्तियां खंडित करने के मामले में हिन्दू समाज व संगठनों का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा। विहिप ने हिन्दू समाज के सभी घटकों से अपील की है कि वे वैमनस्य फैलाने वाले तत्वों के विरुद्ध एकजुट रहें। इस सम्बंध में विहिप, जयपुर द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई। जिसमें कहा गया है कि आदिकाल से केसरिया ध्वज वीरता व शौर्य का प्रतीक रहा है और राष्ट्र जीवन के हजारों वर्षों से तेजस्वी इतिहास का परिचायक है, जिसका आधार लेकर हमारे पराक्रमी पूर्वजों ने भारत के गौरव को बढ़ाने वाले स्वर्णिम आलेख अंकित किये हैं। यह समूचे समाज का निर्विवाद श्रद्धा का केन्द्र है एवं परम वंदनीय है।
पुरातन काल से मीणा समाज राष्ट्र संस्कृति के लिये बलिदानी एवं धर्मपरायण रहा है। हम संपूर्ण समाज की एकता में विश्वास करते हैं तथा उसी के लिए कटिबद्ध हैं। किंतु कुछ राजनेता अपने तुच्छ राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपने सामाजिक एकात्मता के ताने-बाने को नष्ट करने के लिए विधर्मियों से मिलने का निंदनीय कृत्य करने में भी संकोच नहीं करते। विश्व हिन्दू परिषद हिंदू समाज के सभी घटकों से अपेक्षा करता है कि वह एकजुटता के साथ ऐसे संवेदनशील प्रसंगों पर सजग रहकर विधर्मियों एवं समाजद्रोहियों के षडयंत्रों को विफल करें तथा समाज के एकात्मस्वरूप की हरसंभव सुरक्षा करें।
उल्लेखनीय है कि 4 जून 2021 को मीणा समाज के शौर्य स्थल आमा माता परिसर में स्थित शिव पंचायत को समाजकंटकों ने योजनाबद्ध तरीके से खंडित कर दिया था, जिसकी 5 जून को थाना ट्रांसपोर्ट नगर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। प्रशासन से अनेक बार आग्रह करने पर भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। दो चार आरोपित मुस्लिम लड़कों को पकड़ा गया लेकिन फिर मामला रफा दफा हो गया। इसके बाद 13 जून 2021 को धर्म प्रेमी स्थानीय समाज ने खंडित हुई प्रतिमाओं की पूरे विधि विधान से पुनः प्राण प्रतिष्ठा करवा दी। लेकिन बकरा ईद के दिन स्थानीय विधायक रफीक खान के इशारे पर यहॉं लगी धर्म ध्वजा को फाड़ दिया गया। इस दुःखद घटना का दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह भी था कि कांग्रेस समर्थित गंगापुर सिटी विधायक रामकेश मीणा की उपस्थिति में यह अपराध घटित हुआ।