आसमान से सरहदों की निगरानी करेगा रीसैट-2बीआर-1
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गत 11 दिसम्बर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी की मदद से रीसैट-2बीआर-1 रडार सैटेलाइट समेत नौ विदेशी सैटेलाइटों को अंतरिक्ष की कक्षा में सफलतापूर्वक लांच किया।पीएसएलवी.सी 48 से लांच किया गया रीसैट-2बीआर-1 एक रडार इमेजिंग ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है जो धरती की तस्वीरें लेगा।
रीसैट-2बीआर-1 पूरी तरह स्वदेश निर्मित उपग्रह है, जिसे इसरो ने ही विकसित किया है। यह बादलों और अंधेरे में भी साफ तस्वीरें ले सकता है। अर्थ इमेजिंग कैमरे और रडार तकनीक के कारण यह मुठभेड़ या घुसपैठ के समय सेना के लिए मददगार होगा। इस सैटेलाइट में लगे कैमरे का इमेज रेजॉलूशन 0.35 मीटर है, जिससे यह 35सेंटीमीटर की दूरी पर स्थित दो चीजों की अलग-अलग और स्पष्ट पहचान कर सकता है।
इसरो द्वारा रीसैट सीरिज के अगले उपग्रह रीसेट-2बीआर2 की लांचिंग इसी माह में करने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि इस साल मई में रिसैट-2 बी को भी कक्षा में स्थापित किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों को एक दिन में किसी एक जगह पर लगातार निगरानी के लिए अंतरिक्ष में कम से कम चार रीसैट उपग्रहों की जरूरत होती है।