एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को बनाया राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी
एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को बनाया राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी
नई दिल्ली, 22 जून। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दलों के साथ बातचीत में सर्वसम्मति की स्थिति नहीं बन पायी। संप्रग ने यशवंत सिन्हा को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। संप्रग की घोषणा के बाद एनडीए के घटक दलों के साथ बातचीत हुई और भाजपा संसदीय बोर्ड में कई नामों पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान द्रौपदी मुर्मू के नाम पर सहमति बनी।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा राज्य से हैं। उन्होंने 1997 में पार्षद का चुनाव जीत कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ागांव के एक संथाल जनजाति परिवार में हुआ था। उनका विवाह श्याम चरम मुर्मू से हुआ। उनके दो बेटे और एक बेटी हुए। लेकिन पति व दोनों बेटों की असमय मौत हो गई। परिवार में मॉं और बेटी इतिश्री ही रह गए। इन परिस्थितियों में भी द्रौपदी ने अपने हौंसले को टूटने नहीं दिया। मुर्मू रायरंगपुर स्थित श्रीअरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी हैं।
द्रौपदी 1997 में ओडिशा के राजरंगपुर जिले में पार्षद चुनी जाने के बाद उसी वर्ष भाजपा की ओडिशा इकाई के अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनीं।
वे 2002 से 2009 तक और फिर 2013 में मयूरभंज की भाजपा इकाई की जिलाध्यक्ष रहीं। मुर्मू ओडिशा में दो बार भाजपा से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा गठबंधन वाली नवीन पटनायक सरकार में 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार तथा 6 अगस्त, 2002 से मई 16, 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री रहीं।
द्रौपदी मुर्मू 2015-2021 तक झारखंड की पहली जनजाति महिला राज्यपाल रहीं। उन्होंने झारखंड के नौवें राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। वर्ष 2007 में उन्हें ओडिशा विधानसभा के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। द्रौपदी मुर्मू भाजपा के जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रह चुकी हैं।