करौली : सड़क निर्माण के लिए 70 वर्ष पुराने मंदिर पर चलेगा बुलडोजर

करौली : सड़क निर्माण के लिए 70 वर्ष पुराने मंदिर पर चलेगा बुलडोजर

करौली : सड़क निर्माण के लिए 70 वर्ष पुराने मंदिर पर चलेगा बुलडोजरकरौली : सड़क निर्माण के लिए 70 वर्ष पुराने मंदिर पर चलेगा बुलडोजर (प्रतीकात्मक फोटो)

राजस्थान में ऐसा कोई दिन नहीं जाता, जब हिन्दू या हिन्दू आस्था पर चोट का समाचार न आता हो। कहीं मंदिरों को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है तो कहीं पुजारियों के साथ मारपीट हो रही है या उनकी हत्या हो रही है। कहीं मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं तो कहीं हिन्दू संस्कृति या विरासत को मिटाने के प्रयास हो रहे हैं। दुख की बात यह है कि असामाजिक तत्व तो ऐसा कर ही रहे हैं, राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी कोई अवसर नहीं चूक रही। नियम कानूनों के नाम पर प्रशासन हिन्दू त्योहारों और पर्वों में अड़ंगा डाल ही देता है। साथ ही विकास के नाम पर प्राचीन मंदिरों को भी तोड़ने से नहीं हिचकता।

हालिया मामला राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा खण्ड का है। यहॉं सार्वजनिक निर्माण विकास विभाग द्वारा कालागुड़ा से बांसारी गाँव तक सड़क निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इस मार्ग पर विभाग ने 70 वर्ष प्राचीन शिव मंदिर को व्यवधान के तौर पर चिन्हित किया है यानि विभाग के अनुसार 70 वर्ष पुराना मंदिर सड़क निर्माण कार्य में बाधक है। यह सड़क के रास्ते में आ रहा है, इसलिए इस पर बुलडोजर चलेगा और यहां से हटाया जाएगा।

वहीं दूसरी ओर अजमेर जिले के सावर कस्बे की पहाड़ी पर एक पुरातन छतरी बनी हुई है, जिसे तीखी नाम से जाना जाता है। इस पुरातन धरोहर को कुछ असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया गया है लेकिन अभी तक उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

एक अन्य प्रकरण में तो मंदिर का नाम ही परिवर्तित कर दिया गया। गराडिया महादेव मंदिर से बदलकर गराडिया व्यू प्वाइंट रख दिया गया यानि मंदिर टूरिस्टों के लिए व्यू प्वाइंट बन गया। यह कारनामा कोटा से 50 किलोमीटर दूर स्थित मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में वन विभाग ने किया है। प्रवेश द्वार पर लगे साइन बोर्ड में स्पष्ट रूप से गराडिया व्यू प्वाइंट लिख दिया गया है।

वन विभाग का कारनामा: गराडिया महादेव मंदिर को बना दिया गराडिया व्यू प्वाइंट

इस प्रकरण को लेकर इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर इंटेक ने नाराजगी व्यक्त की है। इंटेक के कन्वीनर निखिलेश सेठी ने कहा कि गराडिया महादेव मंदिर की सांस्कृतिक विरासत लगभग 500 वर्ष पुरानी है। यहॉं श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

मुकुंदरा टाइगर रिजर्व बनने के बाद इस सांस्कृतिक विरासत के साथ छेड़छाड़ करने के लगातार प्रयास हो रहे हैं। पहले श्रद्धालुओं को हतोत्साहित करने के लिए प्रवेश शुल्क बढ़ा दिया गया। अब गराडिया महादेव मंदिर को गराडिया व्यू प्वाइंट बना दिया गया, “महादेव मंदिर” शब्द ही गायब हो गए। क्या यह हमारी सांस्कृतिक पहचान को समाप्त करने का प्रयास नहीं। जबकि दस्तावेजों में यह स्थान आज भी महादेव मंदिर नाम से ही दर्ज है। निखिलेश सेठी ने बताया कि इंटेक की ओर से मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जयपुर और मुख्य उपवन संरक्षक मुकुंदरा टाइगर रिजर्व बीजो जॉय जोसेफ को पत्र लिखा है। यदि साइन बोर्ड में नया नाम हटाकर पुराना नाम नहीं लिखा गया तो आंदोलन किया जाएगा।

वहीं जानकारी के अनुसार प्रशासन द्वारा नवरात्र महोत्सव पर भी रात्रि 10 बजे के बाद साउंड सिस्टम बंद करवा दिए जा रहे हैं। जबकि यह सभी को ज्ञात है कि नवरात्र महोत्सव में माता का रात्रि जगराता होता है, जिसमें साउंड का अपना एक महत्व है।

उदयपुर के खेरवाड़ा कस्बे में प्रशासन द्वारा नवरात्र महोत्सव पर रात 10 बजे बाद डीजे बंद करवाया गया, जिसको लेकर सर्व समाज के लोग कस्बे में रैली निकालते हुए उपखंड कार्यालय पहुंचे तथा राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। मध्य रात्रि तक नवरात्र पर्व पर गरबा का अपना एक महत्व है तथा हिन्दुओं की आस्था इससे जुड़ी है।

इसी प्रकार चित्तौड़गढ़ में गरबा महोत्सव में रात 10 बजे बाद साउंड बंद करवा दी गई। इससे नाराज होकर आयोजन समिति के सदस्य बुधवार को कलेक्टरेट पहुंचे और कलेक्टर से त्योहारों पर समय पाबंदी न लगाने की मांग की।

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