समाधान के लिए बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए – भैय्याजी जोशी

समाधान के लिए बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए – भय्याजी जोशी

समाधान के लिए बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए – भय्याजी जोशी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने कहा कि कहा कि कृषि कानून से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए। सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों, दोनों को इस दिशा में सकारात्मक पहल करना चाहिए। अंग्रेजी दैनिक द इंडियन एक्सप्रेस के साथ साक्षात्कार में संघ सरकार्यवाह ने विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।

बातचीत के कुछ अंश –

किसानों के आंदोलन पर

किसानों को सरकार के साथ उन मुद्दों पर जरूर चर्चा करनी चाहिए, जिनको लेकर उनको संदेह है। अब तक, ऐसा लगता है कि सरकार इस तरह की चर्चा के लिए तैयार है। दोनों ओर से सकारात्मक पहल होनी चाहिए। अगर आंदोलनकारी भी सकारात्मक रुख अपनाते हैं तो यह अच्छा होगा। किसी को भी आंदोलन करने से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। लेकिन एक बीच का रास्ता निकलना चाहिए। एक आंदोलन न केवल इससे जुड़े लोगों को प्रभावित करता है, बल्कि समाज को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भी प्रभावित करता है। किसी भी आंदोलन का बहुत लंबे समय तक चलना समाज की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए एक बीच का रास्ता निकलना जरुरी है और दोनों पक्षों को समाधान खोजने के लिए काम करना चाहिए।

सीएए पर

हमारी लंबे समय से यह मांग रही है कि भारत को छोड़कर हिंदुओं के पास कोई दूसरा देश नहीं है। इसलिए भारत को बाहर से आने वाले हिंदुओं को नागरिकता देने के बारे में सोचना होगा। पाकिस्तान से इतने लोग वहां अत्याचार सहने के बाद भारत आए हैं और दिल्ली में फुटपाथों पर रह रहे हैं। भारत, पाकिस्तान के मुसलमानों को भी नागरिकता दे रहा है। अगर सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ होती, तो उन्हें नागरिकता नहीं दी जाती।

लव जिहाद पर

लोगों के प्यार करने और शादी करने से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन लव मैरिज और लव जिहाद में अंतर है. एक तरफ प्यार और सहमति है, दूसरी तरफ प्रलोभन है। इसलिए अगर झूठ के माध्यम से कुछ किया जा रहा है, तो इससे निपटने के लिए एक कानून होना चाहिए। अब कानून कितना सख्त बनना चाहिए और उससे किसे संरक्षित किया जाना चाहिए, यह केवल विशेषज्ञ ही बता सकते हैं।

चीन-पाकिस्तान पर

यदि संबंधों में सुधार करना है, तो यह दोनों पक्षों पर निर्भर करेगा। भारत ने कभी चीन या पाकिस्तान के प्रति आक्रामकता नहीं दिखाई। हमने केवल उनकी आक्रामकता का जवाब दिया है।

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