कोरोनाकाल में लोगों की सहायता के लिए दृढ़ता से खड़ा समाज

कोरोनाकाल में लोगों की सहायता के लिए दृढ़ता से खड़ा समाज

कोरोनाकाल में लोगों की सहायता के लिए दृढ़ता से खड़ा समाज

भारत में चीनी वायरस कोरोना ने बड़ी संख्या में परिवारों को तोड़ा है और हजारों बच्चों को अनाथ कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद यह भारतीय समाज में मौजूद संवेदनशीलता को नुकसान नहीं पहुंचा सका है। झालावाड़ में पिता और पुत्र की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए टीम रक्तदाता समूह आगे आई और जनसहयोग से अंतिम क्रिया की।

आर्थिक तौर पर कमजोर इस परिवार के मुखिया के लिए टीम ने एंबुलेंस की व्यवस्था करने से लेकर अंतिम संस्कार की सामग्री जुटाने तक का काम किया। टीम ने अस्पताल पहुंचकर पिता और पुत्र को एंबुलेंस के माध्यम से श्मशान तक पहुंचाया और उनकी पुत्री के हाथों अग्नि संस्कार करवाया। रक्तदाता समूह के सदस्य पंकज वैष्णव और विनोद बंसल ने बताया कि इस कार्य में कई भामाशाहों ने भी अपना योगदान दिया।

कोरोना काल में ऐसे अनेक उदाहरण हैं जब समाज लोगों का सम्बल बना है और हर विपरीत परिस्थिति में पीड़ित के साथ दृढ़ता से खड़ा नजर आया है। संगठनों ने अपने संसाधन मानवता की सेवा के लिए खोल दिये हैं। बीकानेर में लॉकडाउन के चलते जब आमजन में रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है। जिले में बढ़े कोरोना पॉजिटिव मरीज, जिन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया गया है, उन परिवारों में भी खाने का संकट पैदा ना हो, इसके लिए भी समाज के लोग आगे आए हैं और हर प्रकार से उनकी सहायता कर रहे हैं।

बीकानेर में ही पीबीएम अस्पताल में भर्ती कोविड-19 और अन्य मरीजों के परिजनों और मरीजों के लिए एनजीओ आनंदम ने एक सुसज्जित हॉल की  व्यवस्था कर उन्हें वहां शरण दी है। आनंदम से जुड़े लोगों ने इन्हें निशुल्क भोजन दिए जाने के साथ-साथ अन्य सुविधाएं देकर घर जैसा माहौल देने का प्रयास किया है। एनजीओ के नवाचार से ना केवल वहां ठहरे हुए मरीजों के परिजन खुश हैं बल्कि मरीज भी वहां रहकर  स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *