चित्रकथा : गाथा गोरा-बादल की-1

देशी विदेशी इतिहासकार भारत के अतीत के पृष्ठों का साक्षात्कार कर सदैव विस्मित होते रहे हैं। क्या नहीं है इस देश के इतिहास में। आध्यात्म, ज्ञान विज्ञान भक्ति ने जहॉं चरम को छुआ है, वहीं शौर्य, वीरता समर्पण की पराकाष्ठा भी यहॉं देखने को मिलती है। आज से चित्रकथा के रूप में प्रस्तुत  (प्रति दिन एक पृष्ठ) गोरा बादल की कहानी भी कुछ ऐसे ही भावों से गुंथी है।

शौर्य एवं बलिदान की ऐतिहासिक गाथा पर आधारित चित्रकथा “गाथा गोराबादल की का लेखन चित्रांकन ब्रजराज राजावत का है। इसका प्रकाशन पाथेय कण संस्थान द्वारा किया गया है। प्रस्तुत है पहली कड़ी…

 गाथा गोरा-बादल की-1

यह वह समय था जब विदेशी आक्रांता अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का सुल्तान था। अपने सैन्य बल, कुटिल चालों व यहॉं की रियासतों के आपसी मतभेदों के कारण भारत के बड़े भू भाग पर वह अपना अधिकार जमा चुका था। राजपूताने में भी इस धर्म ध्वंसक, निर्दयी सुल्तान की काली छाया पड़ चुकी थी….

चित्रकथा : गाथा गोरा-बादल की-1गाथा गोरा-बादल की-1

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