जिहादी कट्टरता भारत, भारतीयता व भारतीय संस्कृति के लिए खतरा
जिहादी कट्टरता भारत, भारतीयता व भारतीय संस्कृति के लिए खतरा
कर्णावती (गुजरात)। बढ़ती जिहादी कट्टरता भारत, भारतीयता व भारतीय संस्कृति के लिए खतरा है। शासन- प्रशासन ने इस पर कड़ाई से अंकुश नहीं लगाया तो समाज को इन्हें ठीक करना आता है। विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने आज कर्णावती में प्रेस वार्ता में कहा कि एक ओर हमारी धार्मिक व सामाजिक यात्राओं को निशाना बनाया जा रहा है, दूसरी ओर हिन्दू बहन बेटियों को लव जिहाद के चंगुल में फंसाया जा रहा है।
हाल ही की कुछ घटनाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दिनों में अकेले गुजरात के नर्मदा जिले में बजरंग दल शौर्य जागरण यात्रा पर, बड़ौदा में गणेश विसर्जन पर, खेड़ा में शिव जी की शोभा यात्रा पर, हिम्मत नगर व खंभात में राम नवमी यात्राओं पर तथा कर्णावती में गणेश पंडाल पर मांस फेंकने जैसी घटनाओं ने शांतिपूर्ण राज्य व उसकी गौरवशाली सांस्कृतिक परंपराओं को चुनौती दी है। लव जिहाद व रिलीजियस कन्वर्जन के विरुद्ध कठोर कानून होने के बावजूद जिहादियों के मन में किसी भी प्रकार का डर ना होना, चिंताजनक है। सूरत में एक लव जिहादी ने स्वयं अपने पापों की स्वीकारोक्ति करते हुए माना कि एक मौलवी ने उसे लव जिहाद के लिए लाखों रुपये दिए थे। विश्व हिन्दू परिषद की मांग है कि इस पूरी कड़ी को पकड़कर उसमें शामिल पूरे गैंग पर कठोर कार्रवाई हो, इस प्रकार की घटनाओं को रोका जाए।
कुछ दिनों बाद देशभर में मां दुर्गा की शक्ति व भक्ति के महापर्व नवरात्रि व गरबा के आयोजन होने वाले हैं। गत कुछ वर्षों में जिहादियों व अनास्थावान लोगों द्वारा इन कार्यक्रमों में घुसपैठ कर हिन्दू बेटियों को लव जिहाद में फांसने की अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनकी पुनरावृति से बचने के लिए यह आवश्यक है कि इनमें इनके प्रवेश को पूरी तरह रोका जाए। गरबा को इनसे बचाने हेतु कार्यक्रमों के आयोजकों से निवेदन है कि वे प्रत्येक सहभागी का आधार कार्ड देख ही प्रवेश दें। साथ ही उनके व्यवस्थापकों व सुरक्षा कर्मियों के साथ पुलिस प्रशासन व शासन को अन्य सभी उपाय भी करने होंगे, जो इस हेतु आवश्यक हैं।
देशव्यापी बजरंग दल शौर्य जागरण यात्राओं पर कहा कि अब तक गुजरात में आयोजित विविध 16 जागरण यात्राओं के दौरान कुल 1171 सभाएं हुईं, जिनमें कल तक 6,78,347 लोगों ने सहभागिता की तथा 18000 बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने त्रिशूल धारण कर दीक्षा ली।