जीवन मूल्यों और संस्कारों को स्थापित करने वाली कहानियां आज की आवश्यकता- मनोज कुमार

जीवन मूल्यों और संस्कारों को स्थापित करने वाली कहानियां आज की आवश्यकता, अखिल भारतीय साहित्य परिषद का कहानी प्रतियोगिता सम्मान समारोह संपन्न

जीवन मूल्यों और संस्कारों को स्थापित करने वाली कहानियां आज की आवश्यकता, अखिल भारतीय साहित्य परिषद का कहानी प्रतियोगिता सम्मान समारोह संपन्न

जीवन मूल्यों और संस्कारों को स्थापित करने वाली कहानियां आज की आवश्यकता- मनोज कुमार

कोटा। वर्तमान समय वैचारिक संक्रमण का है, जिसमें जीवन मूल्यों और संस्कारों को स्थापित करने वाली कहानियों की महती आवश्यकता है। हमें ऐसा साहित्य सृजित करना होगा, जो नैतिक मूल्यों से प्रेरित हो, जिसे पढ़कर युवा भारतीय संस्कृति पर गर्व करें। ये विचार अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मनोज कुमार ने कोटा में आयोजित कहानी प्रतियोगिता सम्मान समारोह में व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय साहित्य परिषद इकाई कोटा के तत्वावधान में सूरज प्रकाश सभागार, प्रताप नगर में हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय साहित्य परिषद कोटा इकाई के अध्यक्ष महेश विजय ने कहा कि साहित्य में जन-जन तक अपनी बात पहुँचाने की अद्भुत क्षमता होती है। आज कहानियों को प्रकाशित और चर्चित करने के लिए उचित मंच देने की आवश्यकता है। परिषद इस दिशा में कार्य करने के लिए तत्पर है। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों के लिए ऐसी कहानियाँ लिखने पर बल दिया, जो उनके तन और मन को स्वस्थ रखने में सहायक हों।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रो. कृष्ण बिहारी भारती और वरिष्ठ साहित्यकार रचना गौड़ भारती ने भी सभा को संबोधित किया। अतिथियों ने विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान कर उनकी प्रतिभा को सम्मानित किया।

‘काव्यालोक’ सम्मान से सम्मानित हुए रघुनंदन हटीला

कार्यक्रम के दौरान परिषद के महामंत्री रघुनंदन हटीला को ‘काव्यालोक’ सम्मान से सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन प्रो. आदित्य कुमार गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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