उद्योगों का समृद्ध श्रमिकीकरण होना चाहिए, न कि मशीनीकरण : श्रीकांत

उद्योगों का समृद्ध श्रमिकीकरण होना चाहिए, न कि मशीनीकरण : श्रीकांत

उद्योगों का समृद्ध श्रमिकीकरण होना चाहिए, न कि मशीनीकरण : श्रीकांत

जयपुर। भारतीय मजदूर संघ द्वारा दत्तोपंत ठेंगडी जन्मशती समापन समारोह मंगलवार को स्वस्तिक भवन अम्बाबाड़ी में आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण टोली के सदस्य व वरिष्ठ प्रचारक श्रीकांत ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी  का व्यक्तित्व विशाल और प्रेरक था। उनकी सोच बहुत गहरी थी। वे हर कार्य को योजनाबद्ध तरीके से करते थे। उन्होंने कहा कि अपने संपर्क में आए हर व्यक्ति को वे जोड़ कर रखते थे। वे हर विषय का बारीकी से अध्ययन करते थे, बड़ों से लेकर बच्चों के बीच भी प्रभावी उद्बोधन देने में वे निपुण थे। भारतीय मजदूर संघ की कमान संभालने के बाद उन्होंने विकेंद्रीकरण, वेतन, उत्पादन व संपत्ति के विभाजन की नई और मौलिक परिभाषा दी। उन्होंने मशीनीकरण और औद्योगिकीकरण के वर्तमान स्वरूप का कभी समर्थन नहीं किया। वे कहते थे उद्योगों का समृद्ध श्रमिकीकरण होना चाहिए। जब पूरी दुनिया में नारा गूंजा था कि मजदूरों एक हो जाओ, उस समय उन्होंने नारा दिया कि मजदूरो दुनिया को एक करो। ठेंगड़ीजी ने समाज के समाजीकरण पर जोर दिया। वे वेतन को प्रतिभा से जोड़ने के पक्षधर नहीं थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर महानगर टाइम्स के संपादक गोपाल शर्मा ने की, विशिष्ट अतिथि विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. कैलाश शर्मा रहे। मजदूर संघ के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रीय संगठन मंत्री रासबिहारी शर्मा व महामंत्री दीनानाथ रूंथला समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

उदयपुर में भी मनाया गया ठेंगड़ी जन्म शताब्दी वर्ष का समापन समारोह
उदयपुर में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व उदयपुर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी एक भविष्यवक्ता थे, वे अपने मार्गदर्शन में जो कहते थे, वह सही हो जाता था। विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय सेक्टर-4 के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ स्थापना के समय भारत में 75 प्रतिशत वाममार्गी संगठनों का वर्चस्व था जो धीरे-धीरे भामसं में आया है। कटारिया ने कहा कि ठेंगड़ी कहते थे कि हार व जीत के बीच का अंतर कुछ ही क्षण का होता है, इसलिए कभी धैर्य नहीं खोना चाहिए। ठेंगड़ी एक विरले व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे।

मुख्य वक्ता भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंतीलाल ने कहा कि ठेंगड़ी ने 23 जुलाई 1955 को भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की जो एक गैर राजनीतिक संगठन के रूप में प्रसिद्ध हुआ। संगठन आज ढाई करोड़ की सदस्यता के आधार पर विश्व का एक बड़ा संगठन है। जयंतीलाल ने ठेंगड़ी की कार्यशैली पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं कोरोना काल में भारतीय मजदूर संघ द्वारा देश भर में किए गए कार्यों की जानकारी दी। समारोह की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ प्रदेश उपाध्यक्ष अमर सिंह सांखला ने की। संघ के जिला मंत्री प्रतीक सिंह राणावत ने ठेंगड़ी का जीवन परिचय कराया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि व संघ के प्रदेश सह संगठन मंत्री भवानी सिंह शक्तावत एवं राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य मनीषा मेघवाल ने भी अपने विचार रखे।

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