दिव्यांग कल्याण संस्था ‘सक्षम’ करेगी हर जिले में सांकेतिक प्रदर्शन
19 जुलाई, जयपुर। अलवर में मूक-बधिर बालिका के साथ हुए वीभत्स अनाचार के प्रति दिव्यांग जनों के हितार्थ कार्य करने वाली समाजसेवी संस्था ‘समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल’ (सक्षम) ने रोष प्रकट किया है। सक्षम के अध्यक्ष डॉ. क्षमाशील गुप्त ने प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए बालिका के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है तथा सरकार से दरिंदों को पकड़ने व कठोरतम दण्ड देने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि मानवता को शर्मसार करने वाली ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दरिंदों को पहचानकर उचित न्यायविधि द्वारा यथाशीघ्र मृत्युदंड देना भी उक्त बालिका के प्रति अन्याय का आंशिक प्रतिकार ही होगा तथा ऐसे मामलों में न्याय में देरी समाज के लिए अत्यंत घातक सिद्ध होगी।
ऑनलाइन बैठक में लिया बालिका को न्याय दिलाने का संकल्प
अलवर मूक-बधिर नाबालिग पर हुए अत्याचार के मामले में सक्षम द्वारा ऑनलाइन बैठक का आयोजन कर घटना की कठोर निंदा की गई, साथ ही राजस्थान की सभी सक्रिय इकाइयों को स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओ की बैठक बुलाने, सांकेतिक विरोध प्रदर्शन तथा राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने का तय किया गया। बैठक में हुए निर्णय के अनुसार सक्षम की हर सक्रिय इकाई अलवर प्रकरण का सांकेतिक विरोध करते हुए पूरे राजस्थान में बुधवार ,19 जनवरी को सामूहिक रूप से अपने-अपने जिले के कलेक्टर को प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगी।
सक्षम सदस्यों ने अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वे पीड़िता को न्याय दिलाकर रहेंगे। मूक बधिर बालिका को न्याय दिलाने, दोषियों की गिरफ्तारी व बालिका के परिवार को संबल देने के लिए राज्य के अनुभवी कार्यकर्ताओं की कमेटी का गठन होगा जिसका मार्गदर्शन सक्षम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. मनुभाई, संयुक्त सचिव स्वाति धारे तथा सहसचिव अभय प्रगाल करेंगे।
दिव्यांगजनों में क्षमता विकास व स्वावलंबन के माध्यम से दिव्यांगों को राष्ट्र निर्माण हेतु अनमोल पूंजी बनाने के लक्ष्य से काम कर रही अखिल भारतीय संस्था ‘सक्षम’ की राजस्थान इकाई के सभी कार्यकर्ताओं ने बालिका की कुशलता की कामना की है।
मातृशक्ति इकाई ने सौंपा ज्ञापन, दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग
सक्षम संस्था राजस्थान की मातृशक्ति इकाई प्रभारी डॉ. सरिता बंसल ने गंगापुर सिटी एडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों के लिए कठोरतम दंड की मांग की। उन्होंने कहा कि न केवल इस घटना में अपितु पहले भी बर्बरता की जितनी घटनाएँ होकर कार्रवाई लंबित है, उन सभी मामलों में कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि इनकी पुनरावृत्ति न हो।