पंचांग एवं आज का विचार
आज का विचार
क्षमा शस्त्रं करे यस्य दुर्जन: किं करिष्यति।
अतृणे पतितो वन्हि: स्वयमेवोपशाम्यति॥
अर्थात्
क्षमारूपी शस्त्र जिसके पास हो, दुर्जन उसका क्या कर सकता है? अग्नि जब किसी स्थान पर गिरती है, जहाँ घास न हो तो अपने आप बुझ जाती है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।