पंचांग एवं प्रेरक विचार

पंचांग एवं प्रेरक विचार

पंचांग एवं प्रेरक विचार

पंचांग एवं प्रेरक विचार

प्रेरक विचार

गुणैरुत्तमतां यान्ति नोच्चैरासनसंस्थितैः।
प्रसादशिखरस्थोऽपि किं काको गरुडायते।।

गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनता है, न कि किसी ऊंचे स्थान पर बैठ जाने से। राजमहल के शिखर पर बैठ जाने पर भी कौआ गरुड़ नहीं बनता।

।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।

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