पंचांग 11 अक्टूबर 2021
पंचांग 11 अक्टूबर 2021
सुविचार
अधर्मेणैवते पूर्व ततो भद्राणि पश्यति।
ततः सपत्नान् जयति समूलस्तु विनश्यति।।
भावार्थ
कुटिलता व अधर्म से मानव क्षणिक समृद्वि व संपन्नता तो प्राप्त कर लेता है। शत्रु को भी जीत लेता है। अपनी सफलता पर प्रसन्न भी होता है। परन्तु अन्त में उसका विनाश निश्चित है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।