पंचांग 11 जून 2022
सुविचार
छायामन्यस्य कुर्वन्ति तिष्ठन्ति स्वयमातपे।
फलान्यपि परार्थाय वृक्षाः सत्पुषा ईव॥
भावार्थ
दूसरों को छाँव देते हैं, स्वयं धूप में खड़े रहते हैं, फल भी दूसरों के लिए होते हैं; सचमुच वृक्ष सत्पुरुष जैसे होते हैं।
॥आप सभी का दिन मंगलमय हो॥