पंचांग 11 दिसम्बर 2020
तिथि – एकादशी / द्वादशी
सुविचार
अपूर्व कोपि कोशोयं विद्यते तव भारति।
व्ययतो वृद्धमायाति क्षयमायाति संचयात्॥
भावार्थ
हे माता सरस्वती! आपका कोश (विद्या) बहुत ही अपूर्व है, जो खर्च करने पर बढ़ता जाता है और संचय करने पर घटने लगता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।