पंचांग 14 मई 2022
पंचांग 14 मई 2022
सुविचार
यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते निघर्षणच्छेदनतापताडनैः। तथा चतुर्भिः पुरुषः परीक्ष्यते श्रुतेन शीलेन कुलेन कर्मणा॥
भावार्थ
जिस प्रकार घिसने, काटने, तपाने और पीटने– इन चार प्रकारों से स्वर्ण की परीक्षा होती है, उसी प्रकार विद्या, कुल, शील और कर्म–इन चारों से ही पुरुष की परीक्षा होती है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।