पंचांग 17 अक्टूबर 2021
सुविचार
चलन्तु गिरय: कामं युगान्तपवनाहताः।
कृच्छेरपि न चलत्येव धीराणां निश्चलं मनः।।
भावार्थ
युगान्तकालीन वायु के झोंकों से पर्वत भले ही चलने लगें, परन्तु धैर्यवान पुरुषों के निश्चल मन किसी भी संकट में नहीं डगमगाते।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।
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