पंचांग 17 जनवरी 2022
पंचांग 17 जनवरी 2022
सुविचार
अहो स्वित् विचित्राणि चरितानि महात्मनाम्।
लक्ष्मीं तृणाय मन्यन्ते तद्भरेण नमन्ति च।।
भावार्थ
महापुरुष भी विचित्र होते हैं, धन को एक तिनके की तरह मानते हैं; और जैसे जैसे धन व सम्पत्ति बढ़ती जाती है, उसके बोझ से और विनम्र होते जाते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।